Van Raksha bhandhan2025: पेड़ बचाओ, स्वस्थ जीवन पाओ - राष्ट्र चेतना का संकल्प
वन रक्षाबंधन 2025 में पेड़-पौधों की सुरक्षा के लिए क्या है खास? जानें कैसे राष्ट्र चेतना और नरेश मोहन सेवा संस्थान पर्यावरण संरक्षण के लिए उठा रहे हैं कदम। वृक्षारोपण से लेकर जागरूकता तक, इस अभियान में शामिल हों!

17 अगस्त 2025: पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्र चेतना और नरेश मोहन सेवा संस्थान के तत्वावधान में रविवार को Agrico मैदान में वन रक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अनूठे आयोजन में पेड़-पौधों की सुरक्षा और पर्यावरण संतुलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक गीत प्रस्तुति और पूजा-अर्चना के साथ हुई, जिसके बाद उपस्थित लोगों ने विभिन्न पेड़ों पर वन रक्षा सूत्र बांधकर उनकी सुरक्षा का वचन दिया।
"पेड़ बचाओ, स्वस्थ जीवन पाओ" के नारे के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता आशीष झा और अजीत कुमार ने की। राष्ट्र चेतना के नकुल कुमार ने अपने संबोधन में कहा, "पेड़-पौधों की रक्षा हमारा परम कर्तव्य है। प्रकृति पर हम सभी निर्भर हैं, और वनों से हमें स्वच्छ हवा, पानी, और जीव-जंतुओं का संरक्षण जैसे अनेक लाभ मिलते हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिक से अधिक वृक्षारोपण और उनकी देखभाल से वातावरण शुद्ध होगा, जिससे आम आदमी का जीवन स्वस्थ और सुरक्षित रहेगा।
वन रक्षाबंधन: पेड़ों का त्योहारइस पर्यावरणीय पहल को 'पेड़ों का त्योहार' के रूप में भी जाना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और देश के हरित आवरण को बढ़ाना है। आशीष झा, नकुल कुमार, अजीत कुमार, वीरू, वरुण कुमार, परमहंस यादव, और धीरज कुमार सिंह जैसे नेतृत्वकर्ताओं के मार्गदर्शन में यह अभियान पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।सप्ताह भर की गतिविधियांवन रक्षाबंधन के तहत सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान में कई महत्वपूर्ण गतिविधियां शामिल हैं:वृक्षारोपण अभियान: विभिन्न स्थानों पर फलदार, औषधीय, और छायादार पेड़ों का रोपण किया जाएगा।
पर्यावरण जागरूकता सत्र: स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
निःशुल्क पौधा वितरण: आम नागरिकों को फलदार, औषधीय, और छायादार पौधे मुफ्त में वितरित किए जाएंगे।
सामुदायिक सहयोग की अपीलराष्ट्र चेतना और नरेश मोहन सेवा संस्थान ने सभी नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की है। संस्थान ने कहा, "वृक्ष लगाएं, पर्यावरण बचाएं - यही हमारा संकल्प है।" इस अभियान में शामिल होकर लोग अपने आसपास के क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं।नेतृत्व की प्रेरणाइस कार्यक्रम के नेतृत्वकर्ताओं ने न केवल देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है, बल्कि अब वे पर्यावरण संरक्षण के लिए भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
आशीष झा और उनकी टीम का यह प्रयास न केवल पर्यावरण को बल्कि समाज को भी एक नई दिशा प्रदान कर रहा है।
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