Tata Steel: कचरा प्रबंधन में दिखाया नया मार्ग, जीते दो प्रतिष्ठित पुरस्कार

टाटा स्टील UISL को CII के 9वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कचरा प्रबंधन और सतत शहरी विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दो प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले। जानें, कैसे यह पहल बन रही है पर्यावरण के लिए मिसाल।

Dec 3, 2024 - 20:17
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Tata Steel: कचरा प्रबंधन में दिखाया नया मार्ग, जीते दो प्रतिष्ठित पुरस्कार
Tata Steel: कचरा प्रबंधन में दिखाया नया मार्ग, जीते दो प्रतिष्ठित पुरस्कार

03 दिसम्बर, 2024: जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (टाटा स्टील UISL) ने नई दिल्ली में आयोजित CII के 9वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से दो प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किए। यह सम्मेलन वेस्ट-टू-वर्थ टेक्नोलॉजीज पर केंद्रित था और इसमें दुनिया भर की अग्रणी कंपनियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।

टाटा स्टील UISL को कचरा प्रबंधन और सतत शहरी विकास में अपनी पहलों के लिए निम्नलिखित पुरस्कार प्रदान किए गए:

  1. कचरा कम करने और प्रबंधन में इंडस्ट्री लीडर।
  2. नगर पालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में निजी कंपनी द्वारा उत्कृष्टता।

पुरस्कारों का भव्य समारोह

यह सम्मान भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव और CII के अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया। समारोह ने न केवल टाटा स्टील UISL की उपलब्धियों को उजागर किया, बल्कि यह संदेश दिया कि कचरे का प्रबंधन आज के समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।

कचरा प्रबंधन: एक इतिहास और वर्तमान

कचरा प्रबंधन की चुनौती नई नहीं है। औद्योगिकीकरण के साथ शहरीकरण के बढ़ते स्तर ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना दिया है। भारत में प्रतिवर्ष लाखों टन कचरा उत्पन्न होता है, जिनमें से अधिकांश को पुन: चक्रित (रीसायकल) या सही तरीके से निपटान नहीं किया जाता।

टाटा स्टील UISL ने इस समस्या को हल करने के लिए अद्वितीय पहल शुरू की। कंपनी ने सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं का उपयोग किया है, जिससे कचरे को मूल्यवान संसाधन में बदला जा सकता है।

कैसे बनी सफलता की कहानी?

टाटा स्टील UISL ने सतत विकास के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में बेहतरीन काम किया है।

  • नवाचार और प्रौद्योगिकी: कंपनी ने कचरे को ऊर्जा और पुन: प्रयोज्य सामग्री में परिवर्तित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया।
  • समुदाय में जागरूकता: स्थानीय लोगों और संगठनों के साथ साझेदारी कर कचरे के स्रोत पर प्रबंधन पर बल दिया गया।
  • पर्यावरण संरक्षण: इन पहलों ने न केवल अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर बनाया, बल्कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण को भी कम करने में मदद की।

सम्मेलन की खास बातें

CII का 9वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन कचरे के प्रबंधन और उसके पुन: उपयोग पर केंद्रित था।

  • विशेषज्ञों ने सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं और नवीन समाधानों को साझा किया।
  • वैश्विक और भारतीय कंपनियों ने सर्कुलर इकॉनमी के क्षेत्र में अपने अनुभव प्रस्तुत किए।

क्या है भविष्य की योजना?

टाटा स्टील UISL के प्रयास भारत में सतत शहरी विकास के लिए एक मिसाल बन चुके हैं। कंपनी अब देशभर में अपनी तकनीकों को और अधिक विस्तार देने की योजना बना रही है। इसके अलावा, सार्वजनिक और निजी साझेदारी (PPP) मॉडल के जरिए और अधिक नगरपालिकाओं में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं।

क्यों है यह सम्मान महत्वपूर्ण?

टाटा स्टील UISL के प्रयास यह साबित करते हैं कि सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ लाया जा सकता है। यह सम्मान न केवल कंपनी की उपलब्धियों को दर्शाता है, बल्कि अन्य कंपनियों और संगठनों को प्रेरणा भी देता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।