Surat Teachers Honored: सूरत के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय सम्मान, जानें उनके कार्य की अहमियत

सूरत के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान में उनके नवाचार और शैक्षिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। जानें उनके कार्य की पूरी कहानी।

Nov 22, 2024 - 19:36
Nov 22, 2024 - 19:36
 0
Surat Teachers Honored: सूरत के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय सम्मान, जानें उनके कार्य की अहमियत
Surat Teachers Honored: सूरत के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय सम्मान, जानें उनके कार्य की अहमियत

सूरत, गुजरात: सूरत जिले के दो शिक्षकों, सुभाष भोई और महेन्द्र खंगार को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें उनके नवाचार और शैक्षिक कार्यों के लिए दिया गया, जिसमें उन्होंने अपनी स्कूलों को "आनंद घर" के रूप में संचालित किया। यह पुरस्कार उन्हें कुरुक्षेत्र, हरियाणा स्थित शिक्षा सागर फाउंडेशन द्वारा दिया गया, जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों और उत्कृष्टता के लिए काम कर रहा है।

यह सम्मान समारोह धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में आयोजित हुआ, जिसमें हरियाणा सरकार के प्रतिनिधियों ने शिक्षकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर एनआईटी निदेशक वीवी रमन रेड्डी, कुरुक्षेत्र विकास प्राधिकरण के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, डॉ. सी आर दरोलिया, शैलेश कुमार प्रजापति, और डॉ. सुरेश राणा जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों ने उपस्थित होकर सम्मानित शिक्षकों की सराहना की।

सूरत के शिक्षकों की सफलता की कहानी

सुभाष भोई और महेन्द्र खंगार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किए हैं। उनके द्वारा लागू किए गए नवाचार और शैक्षिक गतिविधियों ने न केवल छात्रों को नई दिशा दी, बल्कि उनके स्कूलों को सीखने के आनंद के केंद्र में बदल दिया। यह सम्मान उनके शैक्षिक उत्कृष्टता और समाज के हित में कार्य के लिए दिया गया है।

यह घटना सूरत के लिए गर्व का पल है क्योंकि इसने न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सूरत के शिक्षकों की प्रतिष्ठा को बढ़ाया। उनका योगदान निश्चित रूप से प्रेरणा का स्रोत है और शिक्षा में नवाचार के महत्व को उजागर करता है।

शिक्षकों के कार्यों की सराहना और प्रेरणा

सम्मान समारोह में मौजूद अतिथियों ने इन शिक्षकों के कार्यों की खुलकर सराहना की। एनआईटी निदेशक वीवी रमन रेड्डी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने कहा कि शिक्षा में नवाचार के माध्यम से समाज को बेहतर दिशा मिलती है। उन्होंने इन शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अनवरत इसी तरह के कार्य करते रहें और छात्रों और समाज के लिए योगदान देते रहें।

इसके साथ ही, विकास खंड शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी और संकुल प्राचार्य भी इस समारोह में उपस्थित थे और उन्होंने सुभाष भोई और महेन्द्र खंगार को बधाई दी।

आनंद घर का मॉडल: शिक्षा में नवाचार

इन शिक्षकों ने आनंद घर के मॉडल को लागू किया, जिसका उद्देश्य छात्रों के लिए एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना था, जहां वे शिक्षा को खुशी और रुचि के साथ प्राप्त कर सकें। यह कदम न केवल शिक्षा को आकर्षक बना रहा है, बल्कि छात्रों के लिए एक सकारात्मक और सृजनात्मक वातावरण भी बना रहा है। इस नवाचार को देखकर और शिक्षक इसे अपनी नवीनतम विधियों में उपयोग कर रहे हैं।

शिक्षकों द्वारा किए गए इस कार्य को देखकर यह कहा जा सकता है कि शिक्षा के क्षेत्र में सृजनात्मकता और नवाचार का होना अत्यंत आवश्यक है। आज के प्रतिस्पर्धी युग में ऐसे शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, जो न केवल शिक्षा को पारंपरिक तरीके से बल्कि एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हैं।

सुभाष भोई और महेन्द्र खंगार की तरह शिक्षकों का नवाचार और शैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्टता शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रेरणा का स्रोत बनती है। उनका यह सम्मान शिक्षा में नवीनतम उपायों और समाज के लिए योगदान का प्रतीक है। उनके कार्यों ने यह सिद्ध किया है कि शिक्षा के प्रति समर्पण और नवाचार से ही सच्ची सफलता प्राप्त की जा सकती है। ऐसे शिक्षकों का सम्मान समाज के लिए एक प्रेरणा है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।