Saraikela Truck Incident – कांड्रा में सड़क किनारे खड़ी ट्रेलर वन विभाग में घुसी, बाल-बाल बचे लोग!
सरायकेला के कांड्रा में खड़ी ट्रेलर अचानक लुढ़ककर वन विभाग में जा घुसी, बाउंड्री वॉल टूटी। कोई हताहत नहीं, लेकिन यह हादसा ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को उजागर करता है।
सरायकेला: बुधवार देर रात सरायकेला जिले के कांड्रा थाना क्षेत्र में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। कांड्रा टोल प्लाजा के पास सड़क किनारे खड़ी एक भारी-भरकम ट्रेलर (NL 01AD-9921) अचानक लुढ़ककर सीधे वन विभाग के परिसर में जा घुसी, जिससे बाउंड्री वॉल क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत यह रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसने एक बार फिर इलाके में यातायात नियमों की अनदेखी को उजागर कर दिया है।
कैसे हुआ हादसा?
ट्रेलर चालक ने बताया कि वह रात 11:30 बजे कांड्रा मोड़ पर गाड़ी खड़ी कर सो गया था। अचानक एक तेज़ आवाज से उसकी नींद खुली, और देखा कि ट्रेलर वन विभाग की दीवार तोड़कर अंदर घुस चुका था। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ट्रेलर का हवा प्रेशर कम होने के कारण वह अपने स्थान से लुढ़क गया। यह वाहन चालियामा से आयरन ओर की गोली लेकर रामगढ़ जा रहा था, लेकिन कांड्रा में सड़क किनारे खड़ा था, तभी यह घटना घटी।
क्या यह पहली घटना है?
यह पहली बार नहीं है जब कांड्रा क्षेत्र में ऐसे हादसे हुए हों। इससे पहले भी भारी वाहनों के अनियंत्रित होने के कारण वन विभाग को नुकसान उठाना पड़ा है। इस मार्ग से दिन-रात भारी वाहनों की आवाजाही होती है, लेकिन ट्रैफिक नियमों की सख्ती न होने से दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।
क्यों होते हैं ऐसे हादसे?
- बेतरतीब पार्किंग: वाहन चालक अक्सर ट्रकों को सड़क किनारे बिना किसी सुरक्षा उपाय के खड़ा कर देते हैं।
- ब्रेक फेलियर और हवा प्रेशर की समस्या: भारी वाहनों में तकनीकी खामी आने से ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं।
- ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की उदासीनता: लंबी-लंबी कतारें लगने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।
क्या है समाधान?
- भारी वाहनों के लिए अलग पार्किंग ज़ोन बनाया जाए।
- ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू किया जाए और लापरवाह चालकों पर जुर्माना लगाया जाए।
- परिवहन विभाग को वाहनों की नियमित जांच करनी चाहिए ताकि तकनीकी खराबी से होने वाले हादसों को रोका जा सके।
इतिहास के पन्नों से – कांड्रा में सड़क दुर्घटनाओं की कड़ी
कांड्रा क्षेत्र में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कोई नई बात नहीं है। वर्षों से इस इलाके में सड़क हादसे होते आ रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। प्रशासन की अनदेखी और ट्रक चालकों की लापरवाही की वजह से कई बार गंभीर घटनाएं हो चुकी हैं। भारी वाहनों का अनियंत्रित परिचालन और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी इस क्षेत्र में सड़क सुरक्षा को कमजोर बना रही है।
सरायकेला के कांड्रा क्षेत्र में हुए इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासन और परिवहन विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है। अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में यह लापरवाही किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक नियमों की अनदेखी जारी रहेगी और प्रशासन कब जागेगा?
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