Jamshedpur Road: हाईकोर्ट ने हाता-टिरिंग राष्ट्रीय राजमार्ग 220 की जर्जर स्थिति पर केंद्र और राज्य को भेजा नोटिस
झारखंड हाईकोर्ट ने जमशेदपुर के पास हाता-टिरिंग राष्ट्रीय राजमार्ग 220 की खराब हालत पर सख्त आदेश दिए। जानें, क्या है इस मार्ग की स्थिति और आगे क्या होगा।
जमशेदपुर के पास स्थित हाता-टिरिंग राष्ट्रीय राजमार्ग 220 की जर्जर हालत को लेकर अब झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। एडवोकेट आकाश शर्मा द्वारा दायर की गई जनहित याचिका (पीआईएल) पर गुरुवार को अदालत में इस मुद्दे की गहराई से सुनवाई की गई।
यह मार्ग 2018 से ही खराब स्थिति में पड़ा हुआ है, जिससे स्थानीय निवासियों और यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में रसुनचोपा से तिरिंग सीमा तक के चार किलोमीटर लंबे खंड की दयनीय स्थिति पर तत्काल मरम्मत और रखरखाव की मांग की गई थी।
क्यों है यह मार्ग इतना महत्वपूर्ण?
हाता-टिरिंग मार्ग सिर्फ जमशेदपुर के आसपास के क्षेत्रों के लिए नहीं, बल्कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड के अन्य हिस्सों के लिए भी एक प्रमुख रास्ता है। यह मार्ग इन तीन राज्यों को जोड़ता है और इस पर यात्रा करने वाले लोगों के लिए सुरक्षित और सुलभ परिवहन सुनिश्चित करता है।
हालांकि, बरसात के मौसम में यह मार्ग इतनी ज्यादा खराब हो जाती है कि बालिडीह, पलिडीह, रसुनचोपा और अन्य गांवों का संपर्क टूट जाता है। इससे न केवल यात्रा में असुविधा होती है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
क्या थी याचिका में मांग?
एडवोकेट आकाश शर्मा ने अदालत से मांग की कि:
- राष्ट्रीय राजमार्ग 220 के चार किलोमीटर खंड की तत्काल मरम्मत की जाए।
- सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस मार्ग की स्थिति को ठीक करने के लिए तुरंत कार्यवाही करें।
सुनवाई के दौरान, अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने अदालत के सामने तस्वीरें और वीडियो पेश कीं, जिनमें 2.5 फीट तक गहरे गड्ढे नजर आ रहे थे। इस कारण, रोड एक्सीडेंट्स की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही थी।
हाईकोर्ट का फैसला – केंद्र और राज्य को जारी किया नोटिस
मुख्य न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को स्वीकार किया और केंद्र सरकार, झारखंड सरकार तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को नोटिस जारी किया। अदालत ने केंद्र और राज्य से जल्द से जल्द इस जर्जर सड़क को ठीक करने के लिए कार्यवाही करने को कहा।
क्या होगा अगर सड़क की स्थिति नहीं सुधरी?
यह मार्ग राष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है, और अगर इसकी स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो स्थानीय निवासियों के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास में बड़ी रुकावट आ सकती है। साथ ही, सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या से मानवीय हानि का खतरा भी बढ़ सकता है।
अधिवक्ता आकाश शर्मा ने कहा कि इस सड़क की मरम्मत केवल झारखंड नहीं, बल्कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए भी सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगी। इस मार्ग का सुधरना क्षेत्र के विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।
इतिहास में भी रहा है ऐसे मार्गों का महत्व
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का इतिहास काफी पुराना है, जो स्थानीय विकास, सामाजिक जुड़ाव, और व्यापार को बढ़ावा देते हैं। उदाहरण के तौर पर, महात्मा गांधी मार्ग और हिमालयन हाइवे जैसे प्रमुख मार्गों ने न केवल यात्रा को सुगम बनाया, बल्कि विभिन्न राज्यों के बीच समाज के सामूहिक जुड़ाव का भी कारण बने।
आगे क्या होगा?
अदालत ने केंद्र और राज्य को आदेश दिया है कि वे इस मार्ग की मरम्मत की दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाएं।
- अगर नोटिस के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो अदालत कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
- एक सप्ताह में कार्यवाही की रिपोर्ट अदालत में पेश करनी होगी।
हाता-टिरिंग राष्ट्रीय राजमार्ग 220 की जर्जर स्थिति ने एक गंभीर सड़क सुरक्षा मुद्दा पैदा कर दिया है, जिस पर झारखंड उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। अब, केंद्र सरकार, झारखंड सरकार और NHAI के लिए यह एक बड़ा अवसर है, ताकि वे इस मार्ग को सुधारकर स्थानीय और अंतर-राज्यीय यातायात के लिए सुरक्षित और प्रभावी बना सकें।गा।
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