Saraikela Accident: बैल से टकराई बाइक, डीसी ऑफिस कर्मचारी घायल!
सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर बैल की वजह से बाइक सवार सुभाष महतो गंभीर रूप से घायल। जानिए कैसे हुआ हादसा और प्रशासन की भूमिका क्या है।
सरायकेला हादसा: सोमवार की शाम सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर एक अनोखी घटना ने लोगों को चौंका दिया। अचानक सड़क पर आए बैल की वजह से बाइक सवार सुभाष महतो दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इस घटना में उनके हाथ-पैर में चोट आई है, और उनका इलाज सरायकेला सदर अस्पताल में चल रहा है।
कैसे हुआ हादसा?
नीमडीह प्रखंड निवासी सुभाष महतो, जो डीसी ऑफिस के ग्रामीण विकास विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर काम करते हैं, सोमवार को अपने काम से साहेबगंज गए थे। खाना खाने के बाद, जब वे वापस लौट रहे थे, तभी अचानक एक बैल उनकी बाइक के सामने दौड़ता हुआ आ गया।
बैल को बचाने के प्रयास में सुभाष की बाइक अनियंत्रित हो गई और वे सीधे सड़क पर गिर गए। इस दुर्घटना में उनके हाथ और पैर में गंभीर चोटें आईं। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें तुरंत रोड एंबुलेंस के माध्यम से सरायकेला सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टर उनकी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।
सरायकेला-कांड्रा मार्ग: हादसों का काला इतिहास
सरायकेला-कांड्रा मार्ग, जो मुख्य यातायात मार्गों में से एक है, पहले भी इस तरह के हादसों का गवाह बन चुका है। यह मार्ग न केवल वाहनों की अधिक आवाजाही के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां पर अक्सर आवारा पशु भी सड़क पर घूमते रहते हैं, जो दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बनते हैं।
2019 में इसी मार्ग पर एक बस और ट्रक की टक्कर में कई लोग घायल हुए थे। इसके अलावा, 2021 में एक तेज रफ्तार कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से एक परिवार को चोटें आई थीं।
आवारा पशु: सड़कों पर खतरा
आवारा पशु सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर आवारा मवेशियों की मौजूदगी न केवल वाहन चालकों के लिए खतरनाक है, बल्कि यातायात को भी बाधित करती है।
सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर आए दिन आवारा पशु दिखाई देते हैं। इस समस्या का समाधान अभी तक नहीं निकाला गया है, जबकि स्थानीय प्रशासन को इस ओर कदम उठाने की जरूरत है।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
- नियमित निरीक्षण: सड़कों पर घूम रहे मवेशियों को हटाने के लिए टीमें तैनात की जानी चाहिए।
- सुरक्षा उपाय: मुख्य मार्गों पर वाहन चालकों के लिए चेतावनी संकेतक लगाए जाने चाहिए।
- स्थानीय सहभागिता: ग्रामीणों को भी इस मुद्दे पर जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे अपने मवेशियों को खुले में न छोड़ें।
सुभाष महतो की स्थिति कैसी है?
अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, सुभाष महतो की स्थिति फिलहाल स्थिर है। उनके हाथ और पैर की चोटों का इलाज किया जा रहा है, और उम्मीद है कि वे जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे।
सावधानी से बच सकते हैं हादसे
सड़क पर वाहन चलाते समय सावधानी बरतना और आवारा पशुओं से सतर्क रहना बेहद जरूरी है। ऐसे हादसों से बचने के लिए वाहन चालकों को धीमी गति से वाहन चलाने और आपातकालीन ब्रेक का इस्तेमाल करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर हुआ यह हादसा एक चेतावनी है कि आवारा पशुओं की समस्या को हल करना अब समय की मांग है। प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
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