RBI monetary policy 2025: सस्ते होंगे लोन! RBI के फैसले से रियल एस्टेट और आम आदमी को राहत

RBI ने रेपो रेट घटाकर लोन और EMI दोनों को सस्ता कर दिया है। जानिए कैसे इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर को नई रफ्तार मिलेगी और आम लोगों की जेब को राहत मिलेगी।

Apr 9, 2025 - 16:05
Apr 9, 2025 - 16:12
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RBI monetary policy 2025: सस्ते होंगे लोन! RBI के फैसले से रियल एस्टेट और आम आदमी को राहत
RBI monetary policy 2025: सस्ते होंगे लोन! RBI के फैसले से रियल एस्टेट और आम आदमी को राहत

नई दिल्ली: देश के आम नागरिकों और रियल एस्टेट निवेशकों के लिए राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। अब यह घटकर 6 फीसदी हो गई है, जो पहले 6.25 फीसदी थी। इस फैसले के बाद न सिर्फ लोन सस्ते होंगे, बल्कि आपकी EMI पर भी सीधा असर पड़ेगा।

इस नए वित्तीय वर्ष की पहली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग 7 अप्रैल से शुरू हुई थी और 9 अप्रैल को RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसका ऐलान किया।

क्या है रेपो रेट और क्यों है ये इतना अहम?

रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI देश के बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। अगर यह दर घटती है, तो बैंक भी ग्राहकों को सस्ते ब्याज पर लोन देने लगते हैं। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलता है जो होम लोन, ऑटो लोन या पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं।

इतिहास में कब-कब घटा रेपो रेट?

रेपो रेट में इस प्रकार की कटौती करीब 5 साल बाद की गई है। इससे पहले फरवरी 2025 की मीटिंग में RBI ने 0.25% की कमी कर इसे 6.5% से 6.25% किया था। उस समय भी बाजार में उत्साह देखा गया था।
2019 में आखिरी बार लंबे समय तक रेपो रेट घटते रहे थे, जब अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने की कोशिश की जा रही थी।

आम आदमी को क्या मिलेगा फायदा?

अब जो सबसे बड़ा फायदा होगा, वो है ईएमआई में राहत।
मान लीजिए आपने 30 लाख का होम लोन लिया है और अभी 6.5% की ब्याज दर पर 20 साल की अवधि के लिए भुगतान कर रहे हैं। इस नई कटौती के बाद आपकी मासिक किस्त में 400-600 रुपये तक की कमी आ सकती है।

रियल एस्टेट सेक्टर में दिखेगी रफ्तार

विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरों में कमी से रियल एस्टेट सेक्टर को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा।
क्योंकि जब लोन सस्ता होता है, तो निवेश बढ़ता है। इससे मांग बढ़ेगी और लंबे समय से मंदी झेल रहे बिल्डरों को राहत मिलेगी।

रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि “लोगों के लिए अब मकान खरीदना थोड़ा आसान होगा, और इससे मिड-सेगमेंट और अफोर्डेबल हाउसिंग की डिमांड में खास बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।”

ऑटो सेक्टर में भी दिखेगा असर

केवल हाउसिंग नहीं, बल्कि ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी इस फैसले से फायदा मिलेगा। कार और टू-व्हीलर लोन पर ब्याज दरें घटेंगी, जिससे इनकी बिक्री में इजाफा संभव है। खासकर फेस्टिव सीजन में यह बदलाव असर दिखा सकता है।

क्या ये ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा?

RBI ने संकेत दिए हैं कि महंगाई दर नियंत्रण में रही, तो आगे और भी कटौती संभव है। इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी और निवेशकों को नया भरोसा मिलेगा।

राहत या रणनीति?

RBI का यह फैसला महज़ आंकड़ों की बाजीगरी नहीं, बल्कि आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालने वाली रणनीति है। जहां एक ओर सरकार ग्रोथ बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर RBI का यह निर्णय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।