Jamshedpur Protest News: पोटका प्रखंड में खाद्यान्न नहीं मिलने पर ग्रामीणों का बड़ा प्रदर्शन
पोटका प्रखंड के मानपुर पंचायत में तीन महीने का राशन न मिलने पर ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया। जानिए कैसे प्रशासन ने दिया आश्वासन और क्या हैं ग्रामीणों की मांगें।
जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्र पोटका प्रखंड में एक बार फिर खाद्यान्न वितरण में लापरवाही के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा उबाल पर है। मानपुर पंचायत के ग्रामीणों ने मंगलवार को प्रखंड कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर सरकारी योजनाओं की खामियों को उजागर किया।
क्या है मामला?
मानपुर पंचायत के जन वितरण प्रणाली (जविप्र) की दुकान के अंतर्गत आने वाले दर्जनों कार्डधारकों ने तीन महीने का राशन न मिलने की शिकायत की है। ग्रामीणों का कहना है कि नवंबर 2024 से जनवरी 2025 तक का खाद्यान्न दुकानदार बीरबल माहली द्वारा वितरित नहीं किया गया। जब ग्रामीण राशन की मांग करने जाते हैं, तो दुकानदार उन्हें झूठा आश्वासन देकर वापस भेज देता है। इतना ही नहीं, कुछ ग्रामीणों के फिंगर प्रिंट ईपोस मशीन पर ले लिए गए, लेकिन उन्हें राशन नहीं दिया गया।
कैसे उभरा विरोध?
खाद्यान्न न मिलने की इस समस्या ने ग्रामीणों को संगठित होने पर मजबूर कर दिया। मंगलवार को बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष पोटका प्रखंड मुख्यालय पहुंचे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व एसयूसीआई के प्रखंड संयोजक धिरेन भक्त, पंसस देवेंद्र नाथ महतो, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सौरव चटर्जी और अन्य स्थानीय नेताओं ने किया।
ग्रामीणों की मांगें:
प्रदर्शनकारियों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अरुण मुंडा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया कि ग्रामीणों को जल्द से जल्द उनके खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। साथ ही, जविप्र दुकानदार बीरबल माहली के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे आगे भी बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
प्रशासन का आश्वासन:
बीडीओ अरुण मुंडा ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि मामले की जल्द ही जांच की जाएगी और दोषी दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जरूरतमंद ग्रामीणों को उनका लंबित राशन जल्द दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
क्या कहती है इतिहास की गवाही?
खाद्यान्न वितरण की समस्याएं कोई नई बात नहीं हैं। झारखंड में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतें अक्सर सामने आती रही हैं। 2021 में भी जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं हुई थीं, जहां ग्रामीणों को महीनों तक राशन नहीं मिला। सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने में कई बार वितरण प्रणाली में लापरवाही और भ्रष्टाचार बड़ी बाधा बन जाते हैं।
ग्रामीणों का संघर्ष:
ग्रामीणों का यह प्रदर्शन सिर्फ उनके हक के लिए नहीं, बल्कि प्रशासन को यह संदेश देने के लिए है कि अब वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे। इस प्रदर्शन ने यह दिखा दिया कि जब सरकार की योजनाएं फेल होती हैं, तो जनता खुद अपने हक के लिए खड़ी हो जाती है।
पोटका प्रखंड का यह मामला सिर्फ एक पंचायत की समस्या नहीं है। यह एक उदाहरण है कि कैसे ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करना सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। अब देखना होगा कि प्रशासन ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी तरीके से करता है।
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