Ranchi Relief: पूजा सिंघल को निलंबन से मिली आज़ादी, सरकार ने दी राहत

झारखंड की आईएएस अफसर पूजा सिंघल को निलंबन से मिली राहत। कोर्ट से जमानत के बाद सरकार ने भी किया निलंबन मुक्त। जानें पूरी कहानी।

Jan 22, 2025 - 14:15
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Ranchi Relief: पूजा सिंघल को निलंबन से मिली आज़ादी, सरकार ने दी राहत
Ranchi Relief: पूजा सिंघल को निलंबन से मिली आज़ादी, सरकार ने दी राहत

झारखंड की तेज-तर्रार और चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को उनके निलंबन से राहत मिल गई है। राज्य सरकार ने उन्हें निलंबन मुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी है। यह कदम पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उठाया गया, जो 7 दिसंबर 2024 को उन्हें मिली थी।

पूजा सिंघल का विवादों से भरा सफर

पूजा सिंघल 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। अपने प्रशासनिक कौशल और प्रभावी कार्यशैली के लिए चर्चित रहने वाली पूजा, अचानक सुर्खियों में तब आईं जब उन पर आय से अधिक संपत्ति का गंभीर आरोप लगा।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

12 मई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें पीएमएलए (PMLA) 2002 की धारा-19 के तहत गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी उनके पति अभिषेक झा और उनके सीए सुमन कुमार के ठिकाने से करीब 20 करोड़ रुपए से अधिक नकद बरामद होने के बाद हुई। यह मामला झारखंड के प्रशासनिक इतिहास में एक बड़ी घटना के रूप में सामने आया।

निलंबन से रिहाई कैसे संभव हुई?

पूजा सिंघल को झारखंड सरकार ने उनकी निलंबन समीक्षा समिति की अनुशंसा के बाद निलंबन मुक्त करने का फैसला लिया। 7 दिसंबर 2024 को पीएमएलए कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी, जिसके बाद सरकार ने भी उनकी सेवाओं को बहाल करने का निर्णय लिया।

निलंबन का दौर: एक लंबा संघर्ष

करीब 2 साल 8 महीने तक निलंबन झेलने के बाद पूजा सिंघल को आखिरकार राहत मिली। इस दौरान उनके करियर पर सवाल उठते रहे और वह विवादों में घिरी रहीं।

इतिहास में विवादित आईएएस अधिकारियों की कहानी

यह पहली बार नहीं है जब किसी आईएएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हों। भारतीय प्रशासनिक सेवा के इतिहास में कई अधिकारी भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और अन्य विवादों में फंसे हैं। पूजा सिंघल का मामला इस सूची में एक और कड़ी जोड़ता है।

क्या कहती है सरकार?

सरकार ने पूजा सिंघल के निलंबन खत्म करने की अधिसूचना जारी की है, लेकिन उनकी निलंबन अवधि के दौरान लिए गए फैसलों पर अभी विचार किया जा रहा है। फिलहाल उन्हें कार्मिक प्रशासनिक सुधार विभाग में योगदान देना होगा।

समाज और प्रशासन पर प्रभाव

यह मामला केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि यह बताता है कि प्रशासनिक अधिकारियों पर भरोसा बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। पूजा सिंघल की इस कहानी से यह स्पष्ट होता है कि पारदर्शिता और ईमानदारी प्रशासनिक सेवा की आधारशिला होनी चाहिए।


पूजा सिंघल को मिली यह राहत उनके करियर का एक नया अध्याय हो सकता है। हालांकि, उनके खिलाफ लगे आरोप और जांचें आने वाले समय में उनके भविष्य को तय करेंगी। झारखंड जैसे राज्य में, जहां प्रशासनिक पारदर्शिता की सख्त जरूरत है, ऐसे मामले समाज और सरकार दोनों के लिए सबक हैं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।