Ranchi Suicide: पढ़ाई के दबाव में कॉलेज छात्रा ने की आत्महत्या, धुर्वा डैम से मिला शव

रांची के धुर्वा डैम से कॉलेज छात्रा ऐनी अनुष्का का शव बरामद। पढ़ाई के दबाव और डांट से आहत होकर आत्महत्या की आशंका।

Jan 22, 2025 - 14:11
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Ranchi Suicide: पढ़ाई के दबाव में कॉलेज छात्रा ने की आत्महत्या, धुर्वा डैम से मिला शव
Ranchi Suicide: पढ़ाई के दबाव में कॉलेज छात्रा ने की आत्महत्या, धुर्वा डैम से मिला शव

रांची की नगड़ी थाना क्षेत्र से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। कॉलेज की छात्रा ऐनी अनुष्का का शव धुर्वा डैम से बरामद किया गया। 20 वर्षीय ऐनी ने पढ़ाई के दबाव और परिवार की डांट से आहत होकर आत्महत्या कर ली, ऐसा परिजनों का कहना है।

कैसे शुरू हुई यह दुखद घटना?

16 जनवरी को ऐनी अनुष्का, जो हटिया की रहने वाली थी, घर से गुस्से में निकली और वापस नहीं लौटी। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट जगन्नाथपुर थाने में दर्ज कराई। दो दिन पहले उसका कॉलेज बैग धुर्वा क्षेत्र में मिला, जिससे यह संकेत मिला कि वह इसी इलाके में थी।

धुर्वा डैम में कैसे मिला शव?

मंगलवार सुबह टहल रहे स्थानीय लोगों ने डैम में शव देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकलवाया। ऐनी के परिजनों ने मौके पर पहुंचकर उसकी पहचान की।

परिवार का क्या कहना है?

परिजनों के अनुसार, ऐनी का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। इसको लेकर उसे डांटा गया, जिससे वह गुस्सा होकर घर से चली गई। ऐनी के एक रिश्तेदार ने बताया कि पढ़ाई को लेकर वह पहले भी तनाव में रहती थी।

मामले की जांच में पुलिस की भूमिका

नगड़ी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही घटना के असली कारणों का पता चलेगा। ऐनी के आत्महत्या के पीछे के कारणों की पुष्टि के लिए परिवार और दोस्तों से पूछताछ की जा रही है।

मानसिक स्वास्थ्य और पढ़ाई का दबाव: एक गंभीर मुद्दा

ऐनी अनुष्का की यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए एक बड़ा सबक भी है। युवा आज पढ़ाई और करियर को लेकर अत्यधिक दबाव में हैं। माता-पिता और समाज को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चों पर जरूरत से ज्यादा दबाव न बनाया जाए।

इतिहास से सीखने की जरूरत

भारत में बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर चर्चा अभी भी कम होती है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल सैकड़ों छात्र आत्महत्या करते हैं। यह आंकड़ा बताता है कि हमें शिक्षा प्रणाली और पारिवारिक संवाद पर ध्यान देना होगा।

समाज की जिम्मेदारी

ऐसे मामलों में समाज की भूमिका भी अहम है। माता-पिता को बच्चों के साथ दोस्ताना संबंध बनाना चाहिए। उन्हें समझने की कोशिश करनी चाहिए कि हर बच्चा एक जैसा नहीं होता। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आज की जरूरत बन गया है।


ऐनी अनुष्का की मौत समाज के लिए एक चेतावनी है। बच्चों पर दबाव डालने के बजाय उनकी मानसिक और भावनात्मक जरूरतों को समझना जरूरी है। इस घटना से हमें सीख लेनी चाहिए कि हमें अपने बच्चों को सहारा देना चाहिए, न कि उन पर बोझ डालना।

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