Ranchi Politics: विधायक दल के नेता चुने गए हेमंत सोरेन, राजभवन में पेश किया सरकार बनाने का दावा
रांची में इंडिया गठबंधन की बैठक में हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया। शपथ ग्रहण समारोह 28 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में होने की संभावना। जानें बैठक के प्रमुख बिंदु।
24 नवंबर 2024 :झारखंड की राजनीति में रविवार का दिन बेहद खास रहा। राजधानी रांची में कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास पर इंडिया गठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक आयोजित की गई। करीब चार घंटे चली इस मैराथन बैठक में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया।
राजभवन में पेश किया दावा
विधायक दल का नेता चुने जाने के तुरंत बाद हेमंत सोरेन ने गठबंधन के नेताओं के साथ राजभवन का रुख किया। वहां उन्होंने राज्यपाल संतोष गंगवार को नवनिर्वाचित विधायकों की सूची सौंपी और सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके साथ ही हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा भी राज्यपाल को सौंप दिया। राज्यपाल ने उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहने का निर्देश दिया।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, 28 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में झारखंड की जनता और कई राष्ट्रीय नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
चुनाव परिणामों ने बनाया नया समीकरण
झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने बहुमत हासिल कर सत्ता की कुंजी अपने नाम की। कुल 81 विधानसभा सीटों में गठबंधन ने 56 सीटें जीतीं। इनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा को 34 सीटें, कांग्रेस को 16 सीटें, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 4 सीटें और माले के हिस्से में 2 सीटें मिलीं। गठबंधन ने भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए स्पष्ट बहुमत से जीत दर्ज की।
इतिहास की झलक: झामुमो और झारखंड की राजनीति
झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा का राजनीति में गहरा प्रभाव रहा है। पार्टी के संस्थापक शिबू सोरेन ने झारखंड के अलग राज्य बनने में अहम भूमिका निभाई थी। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो ने झारखंड की राजनीति में अपने वर्चस्व को और मजबूत किया है।
इंडिया गठबंधन की नई रणनीति
इस बार गठबंधन ने स्पष्ट संदेश दिया कि वह आदिवासी और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा। हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य की जनता के मुद्दों का समाधान करना और झारखंड को विकास की राह पर ले जाना है।
रांची की राजनीति में हेमंत सोरेन के विधायक दल का नेता चुने जाने के साथ सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। इंडिया गठबंधन के जीत के बाद झारखंड के राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव आया है। अब देखना यह होगा कि नई सरकार जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती है। क्या झारखंड को नई सरकार से विकास की नई दिशा मिलेगी? यह सवाल आने वाले समय में जवाब तलाशेगा।
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