Mahakumbh 2025: महाकुम्भ 2025 में आमंत्रित हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, जानें क्या है खास

रांची में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को यूपी के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और सुरेश राही ने “प्रयागराज महाकुम्भ 2025” में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में।

Dec 24, 2024 - 16:27
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Mahakumbh 2025: महाकुम्भ 2025 में आमंत्रित हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, जानें क्या है खास
Mahakumbh 2025: महाकुम्भ 2025 में आमंत्रित हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, जानें क्या है खास

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही ने एक विशेष मुलाकात की। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को आगामी "प्रयागराज महाकुम्भ 2025" में आमंत्रित करना था।

महाकुम्भ 2025 का महत्व

प्रयागराज महाकुम्भ, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो हर 12 साल में आयोजित होता है। इस महाकुम्भ में लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने आते हैं। महाकुम्भ का आयोजन एक विशाल धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक घटना है, जो न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी विशिष्टता के लिए जाना जाता है।

मुख्यमंत्री को आमंत्रण

मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और सुरेश राही ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से आधिकारिक आमंत्रण पत्र सौंपा। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पवित्र गंगाजल और महाकुम्भ का प्रतीक चिन्ह भी सादर भेंट किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उत्तर प्रदेश के मंत्रियों का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह भेंटकर आभार और धन्यवाद व्यक्त किया।

महाकुम्भ 2025 में क्या खास होगा?

महाकुम्भ 2025 में होने वाले आयोजनों की तैयारी जोरों पर है। यहां न सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान होंगे, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सामाजिक जागरूकता अभियानों और धार्मिक प्रवचन का भी आयोजन किया जाएगा। इस बार महाकुम्भ में डिजिटल माध्यमों का भी भरपूर उपयोग किया जाएगा, ताकि पूरी दुनिया में इसके महत्व को पहुंचाया जा सके। यह महाकुम्भ केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आयोजन भी होगा, जहां विभिन्न राज्यों और देशों से लोग अपनी संस्कृतियों को प्रस्तुत करेंगे।

मुख्यमंत्री का स्वागत और धन्यवाद

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उत्तर प्रदेश के मंत्रियों को महाकुम्भ के निमंत्रण के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से भारतीय संस्कृति और आस्था को और मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने इस अवसर पर कहा, "महाकुम्भ एक ऐसा आयोजन है जो न सिर्फ भारत की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह विश्व स्तर पर भी हमारी धार्मिक आस्था को मजबूत करने का एक अवसर है।"

इतिहास में महाकुम्भ की अहमियत

महाकुम्भ का इतिहास सदियों पुराना है। इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है, जिसमें न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। इस आयोजन में गंगा स्नान का विशेष महत्व है, जिसे पापों से मुक्ति के लिए माना जाता है। महाकुम्भ का आयोजन भारतीय कैलेंडर के हिसाब से हर 12 साल में होता है, लेकिन प्रयागराज में इसका आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है। महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं का संख्या इतनी अधिक होती है कि इसे देखकर हर कोई चकित रह जाता है।

क्यों है यह आमंत्रण खास?

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का इस आमंत्रण में विशेष स्थान है। उनकी उपस्थिति महाकुम्भ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ाएगी। साथ ही, यह झारखंड राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर होगा।

समाप्ति विचार

महाकुम्भ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के इस आमंत्रण से यह स्पष्ट होता है कि झारखंड सरकार इस आयोजन में अपनी भागीदारी को लेकर उत्साहित है और इसे एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक अवसर के रूप में देख रही है।

संपर्क जानकारी:

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।