Jamshedpur Mining: बालू उठाव में पुलिस की शह! क्या होगा इस अवैध कारोबार का अंत?

जमशेदपुर के बारीडीह में पुलिस की शह पर हो रहा है अवैध बालू उठाव, प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं। जानें इस काले धंधे का पूरा सच।

Dec 24, 2024 - 16:32
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Jamshedpur Mining: बालू उठाव में पुलिस की शह! क्या होगा इस अवैध कारोबार का अंत?
Jamshedpur Mining: बालू उठाव में पुलिस की शह! क्या होगा इस अवैध कारोबार का अंत?

जमशेदपुर: शहर के बारीडीह क्षेत्र में एक बार फिर से अवैध बालू उठाव का मामला सामने आया है, और इस बार यह संगठित रूप से किया जा रहा है। सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के बारीडीह बस्ती निराला पथ में नदी से बालू का उठाव जारी है, जबकि पुलिस और प्रशासन दोनों को इस बात की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

पुलिस की शह पर हो रहा अवैध काम

यह मामला इस बात से और गंभीर हो जाता है कि यह अवैध कारोबार पुलिस की शह पर चल रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र में बालू उठाव का काम पूरी तरह से संगठित हो चुका है और इसके तहत लाखों रुपये मूल्य की बालू को नदी से उठाकर गाड़ियों के जरिए दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है। इससे न केवल पर्यावरण का नुकसान हो रहा है, बल्कि यह अवैध धंधा प्रशासन की आंखों के सामने फल-फूल रहा है।

फिर से शुरू हुआ अवैध कारोबार

कुछ दिन पहले प्रशासन और पुलिस ने अवैध बालू उठाव पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई का दावा किया था, लेकिन मंगलवार को एक बार फिर से बारीडीह में बालू का उठाव होते हुए देखा गया। गाड़ियों से बालू का परिवहन भी किया गया, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बार बालू का उठाव काफी बड़े पैमाने पर किया गया, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि प्रशासन इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए गंभीर नहीं है।

काला कारोबार और भ्रष्टाचार

इस अवैध बालू उठाव का सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार माना जा रहा है। सूत्रों की मानें तो कई पदाधिकारी और स्थानीय अधिकारी इस काले कारोबार से मिलकर पैसे कमाने में लगे हुए हैं। इन अधिकारियों तक पैसा पहुंचने के कारण यह काला कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यह स्थिति तब है जब हाल ही में जमशेदपुर की एसडीओ ने अवैध धंधेबाजों पर कार्रवाई करने का दावा किया था, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

इतिहास में बालू माफिया का जाल

झारखंड में बालू माफिया का इतिहास बहुत पुराना है। यह कारोबार समय-समय पर राज्य के कई हिस्सों में सक्रिय रहता है, और इसकी जड़ें प्रशासन में फैली होती हैं। बालू माफिया के बीच यह एक सामान्य तरीका बन चुका है कि वे पुलिस और प्रशासन से मिलकर इस अवैध धंधे को चलाते हैं। जब तक इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक यह अवैध कारोबार फलता-फूलता रहेगा।

प्राकृतिक संसाधनों का दोहन

बालू माफिया के द्वारा नदी से अवैध बालू उठाव प्राकृतिक संसाधनों का दोहन है। इससे न केवल नदी के किनारे की मिट्टी और जलवायु पर असर पड़ता है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है। अवैध बालू उठाव से नदी के जलस्तर में गिरावट आ सकती है, जो भविष्य में बाढ़ की स्थिति को और भी भयावह बना सकता है।

आगे क्या होगा?

इस स्थिति से यह सवाल उठता है कि प्रशासन और पुलिस के पास ऐसे काले कारोबार पर रोक लगाने के लिए किस प्रकार की योजनाएं हैं। अगर इसे तुरंत रोका नहीं गया, तो यह स्थिति और बिगड़ सकती है। जमशेदपुर के नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस मामले को उजागर करें और इस अवैध धंधे को खत्म करने के लिए प्रशासन पर दबाव डालें।

जमशेदपुर के बारीडीह में पुलिस की शह पर हो रहा अवैध बालू उठाव एक गंभीर मामला बन चुका है। प्रशासन और पुलिस की लापरवाही के कारण यह काला कारोबार जारी है। अब देखना यह है कि इस मुद्दे पर प्रशासन कब और कैसे ठोस कदम उठाता है। क्या इस अवैध बालू माफिया का अंत होगा, या फिर यह काम यूं ही चलता रहेगा?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।