क्या इस साल की दुर्गा पूजा पर मंडरा रहा है यातायात संकट? पढ़ें कैसे 4 प्रमुख पक्षों से हल होगा मुद्दा
जमशेदपुर में इस साल दुर्गा पूजा के दौरान यातायात की समस्या एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। जानिए, कैसे प्रशासन और पूजा समितियां मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालने की कोशिश कर रही हैं।
जमशेदपुर 25 September 2024— हर साल की तरह इस बार भी जमशेदपुर में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। पंडाल सज चुके हैं, लाइटिंग अंतिम चरण में है, और पूरा शहर उत्साह से भरा हुआ है। लेकिन इस उत्सव के साथ कुछ अनदेखी समस्याएं भी उभरकर सामने आई हैं, जो हर बार की तरह इस साल भी प्रशासन और दुर्गा पूजा समितियों के लिए बड़ी चुनौती बन रही हैं।
चार प्रमुख पक्ष: क्या दुर्गा पूजा को पूरी तरह सफल बना पाएंगे?
दुर्गा पूजा को सफल बनाने में चार प्रमुख पक्षों की भूमिका अहम होती है: प्रशासन, केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति, स्थानीय पंडाल समिति, और जनता। जहां जनता पूजा का आनंद लेने में व्यस्त रहती है, वहीं प्रशासन , केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति और समिति के सदस्य इस आयोजन को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। लेकिन कुछ समस्याएं हैं जो हर साल की तरह इस बार भी इनके सामने खड़ी हो गई हैं। इनमें सबसे बड़ी समस्या है—मूर्ति आगमन और विसर्जन के समय यातायात का प्रबंधन।
यातायात की समस्या से जूझ रही दुर्गा पूजा समितियां
पिछले कुछ सालों से दुर्गा पूजा समितियों को मूर्ति आगमन और विसर्जन के दौरान ट्रांसपोर्टेशन की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वाहन मालिकों द्वारा मनमाने ढंग से पैसे मांगने की वजह से समितियों को भारी दिक्कतें हो रही हैं। बारीडीह स्टूडेंट क्लब के अध्यक्ष जन्मेजय पाण्डेय ने इस समस्या पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि पहले प्रशासन ही वाहनों की व्यवस्था किया करता था, जिससे समितियों को सिर्फ फ्यूल का खर्च उठाना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है, जिससे दुर्गा पूजा समितियों को आर्थिक और व्यवस्थागत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जन्मेजय पाण्डेय, अध्यक्ष ( बारीडीह स्टूडेंट क्लब )
क्या होगा इस समस्या का समाधान?
जन्मेजय पाण्डेय ने इस मुद्दे को केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति की अगली बैठक में उठाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि सभी दुर्गा पूजा समितियों को इस विषय पर एकजुट होना होगा और इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना होगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रशासन तथा केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और वाहनों की एक निश्चित दर तय करनी चाहिए। इससे न केवल वाहन मालिकों को नुकसान नहीं होगा, बल्कि समितियां भी बिना किसी अड़चन के मूर्ति विसर्जन कर पाएंगी।
प्रशासन से भी सहयोग की उम्मीद
जन्मेजय पाण्डेय का मानना है कि प्रशासन को पहले से यह स्पष्ट करना चाहिए कि मूर्ति आगमन और विसर्जन के लिए किन वाहनों का उपयोग किया जा सकता है। इससे न सिर्फ समितियों को राहत मिलेगी, बल्कि यातायात की भी बेहतर व्यवस्था हो सकेगी। क्या प्रशासन इस बार इस समस्या पर ध्यान देगा और समय रहते ठोस कदम उठाएगा?
क्या इस साल दुर्गा पूजा होगी पहले से भी ज्यादा सफल?
यह सवाल अब हर किसी के मन में है कि क्या इस साल की दुर्गा पूजा सफलतापूर्वक सम्पन्न हो पाएगी या फिर यातायात की समस्या आयोजन की भव्यता को प्रभावित करेगी? जमशेदपुर के लोग उत्सुक हैं कि प्रशासन और दुर्गा पूजा समितियों के संयुक्त प्रयास से इस बार पूजा कैसे होगी।
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