Ranchi Scheme: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा ऐलान, लाखों लोगों को मिलेगा फ्री इलाज!
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लाएंगे बड़ी हेल्थ स्कीम! सरकारी कर्मियों और पेंशनर्स को मिलेगा 10 लाख तक का मुफ्त इलाज, जानिए पूरी योजना।

रांची: झारखंड सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है! मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार को राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ करने वाले हैं। इस योजना से राज्यकर्मियों और पेंशनर्स को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। खास बात यह है कि गंभीर बीमारियों के लिए यह सीमा बढ़कर 10 लाख रुपये तक होगी, जिससे सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
इस योजना के तहत दिव्यांग आश्रितों को आजीवन चिकित्सा सुविधा मिलेगी, और यदि किसी कर्मचारी को गंभीर चोट लगती है या मरणासन्न स्थिति में होता है, तो उसे एयर एंबुलेंस से उच्च स्तरीय अस्पताल में भेजने की सुविधा भी मिलेगी।
कैसे बनी यह योजना? जानिए इसका इतिहास!
स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का इतिहास भारत में आजादी के बाद से ही सरकारी नीतियों में शामिल रहा है। लेकिन, झारखंड सरकार द्वारा लागू की जा रही यह योजना कई मामलों में ऐतिहासिक मानी जा रही है।
पहले सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स को चिकित्सा सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता था।
मेडिकल बिल के भुगतान में देरी और सरकारी अस्पतालों में लंबी लाइनें समस्या बनी हुई थीं।
अब इस नई योजना से सरकारी कर्मचारियों को बिना किसी चिंता के बेहतर इलाज मिलेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस पहल को झारखंड के सरकारी कर्मियों के लिए बड़ी सौगात माना जा रहा है।
योजना की 5 सबसे खास बातें:
5 लाख रुपये तक का सालाना हेल्थ कवर
गंभीर बीमारियों के लिए 10 लाख रुपये तक की सहायता
दिव्यांग आश्रितों को आजीवन लाभ
बीमा राशि से अधिक खर्च होने पर कॉरपस फंड से मदद
जरूरत पड़ने पर एयर एंबुलेंस की सुविधा
क्या यह योजना झारखंड में गेमचेंजर साबित होगी?
सरकारी कर्मचारी अब बिना आर्थिक दबाव के इलाज करा सकेंगे।
पेंशनर्स और उनके परिवारों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा और झारखंड मॉडल पूरे देश के लिए उदाहरण बन सकता है।
क्या झारखंड सरकार हेल्थ सेक्टर में लाएगी और बदलाव?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना झारखंड में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। आने वाले समय में सरकार आयुष्मान भारत योजना जैसी अन्य योजनाओं के साथ मिलकर राज्य के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बना सकती है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि इस योजना का असली असर कितना कारगर साबित होता है। क्या यह योजना सरकारी कर्मचारियों के जीवन में बदलाव लाएगी या सिर्फ कागजों पर ही सीमित रह जाएगी?
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