Rajnagar Operation: खनन माफिया पर गिरी पुलिस-खनन विभाग की गाज, 12 ड्रम जब्त कर जलाए!
राजनगर में माइनिंग विभाग और पुलिस की संयुक्त छापामारी, अवैध खनन से जुड़े 12 ड्रम जब्त कर जलाए गए। अधिकारियों का ऐलान—खनन माफियाओं पर अब सख्त कार्रवाई होगी।

सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर थाना क्षेत्र में बुधवार को वह नज़ारा देखने को मिला जिसने खनन माफिया के बीच हड़कंप मचा दिया। माइनिंग विभाग और राजनगर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में छेलकानी और कोलाबड़िया गांव में अवैध खनन से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ। मौके पर रखे गए लगभग 12 ड्रम जब्त कर आग के हवाले कर दिए गए।
कैसे हुआ ऑपरेशन?
सुबह से ही पुलिस और माइनिंग टीम की गाड़ियां गांवों की ओर बढ़ीं। गांववालों को लगा कि यह कोई सामान्य जांच है, लेकिन अचानक अधिकारियों ने छापामारी शुरू कर दी। देखते ही देखते खेतों और पगडंडियों से ड्रम बरामद होने लगे। कार्रवाई इतनी तेज़ थी कि अवैध खनन से जुड़े लोग भाग खड़े हुए।
कौन थे मौजूद?
इस अभियान में माइनिंग विभाग के इंस्पेक्टर समीर ओझा और राजनगर थाना प्रभारी चंचल कुमार खुद मैदान में उतरे। दोनों अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि यह केवल शुरुआत है। अगर किसी ने सोचा कि अवैध खनन को नजरअंदाज किया जाएगा तो वह बड़ी भूल कर रहा है।
जब्त ड्रमों का हश्र
बरामद किए गए 12 ड्रमों को मौके पर ही आग के हवाले कर दिया गया। धुएं के गुबार ने पूरे इलाके में यह संदेश दे दिया कि अब अवैध खनन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इतिहास: राजनगर और अवैध खनन
झारखंड का यह इलाका खनिज संपदा से भरपूर है। कोयला, पत्थर और अन्य खनिजों का अवैध खनन यहां लंबे समय से एक गंभीर समस्या रहा है।
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90 के दशक से खनन माफिया स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बने रहे हैं।
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बार-बार छापामारी होती रही, लेकिन पूरी तरह रोक लगाना हमेशा मुश्किल रहा।
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खनन से होने वाला अवैध मुनाफा न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि प्रशासन की साख पर भी सवाल उठाता है।
अधिकारियों का सख्त संदेश
माइनिंग इंस्पेक्टर समीर ओझा ने कहा—
“कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। हमारा मकसद है कि अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।”
वहीं थाना प्रभारी चंचल कुमार ने भी चेतावनी दी—
“राजनगर पुलिस हर हाल में दोषियों को कानून के शिकंजे में लाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
गांववालों के बीच इस कार्रवाई के बाद तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोग मानते हैं कि पुलिस की यह कार्रवाई सही दिशा में बड़ा कदम है। वहीं, खनन से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोग चिंतित हैं कि अब उनकी कमाई पर असर पड़ेगा।
क्यों है जरूरी ऐसी कार्रवाई?
अवैध खनन न सिर्फ सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी अपूरणीय क्षति होती है।
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जमीन का कटाव बढ़ता है।
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जलस्रोत प्रभावित होते हैं।
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गांवों में प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
इतिहास गवाह है कि जब-जब सरकार ने अवैध खनन पर सख्ती दिखाई, तब-तब माफियाओं की कमर टूटी है। लेकिन जैसे ही प्रशासन का ध्यान ढीला हुआ, खनन फिर शुरू हो गया। यही वजह है कि राजनगर की इस कार्रवाई को स्थायी असर डालने वाला कदम माना जा रहा है।
आगे क्या?
अब सवाल यह है कि क्या यह छापामारी एक बार की कार्रवाई है या इसके बाद लगातार अभियान चलेगा? अधिकारी दावा कर रहे हैं कि यह सिर्फ शुरुआत है और आने वाले दिनों में कई और जगहों पर छापेमारी होगी। अगर ऐसा होता है तो खनन माफियाओं की रातों की नींद उड़ना तय है।
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