मानगो और एमजीएम थाना क्षेत्र में घरों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ जनकल्याण समिति का विरोध, सरकार और प्रशासन पर सवाल
जमशेदपुर के मानगो और एमजीएम थाना क्षेत्र में घरों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ जनकल्याण समिति ने किया विरोध। शंभू नाथ चौधरी ने सरकार और प्रशासन पर उठाए सवाल, इस कार्रवाई को बताया राजनीति से प्रेरित। जनविरोधी कदम के खिलाफ लोगों का संघर्ष जारी।
जमशेदपुर के मानगो और एमजीएम थाना क्षेत्र के कई इलाकों में हाल ही में घरों के ध्वस्तीकरण के आदेश ने स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। पारडीह, इंदिरा कॉलोनी, कुंरुम बस्ती, चंद्रावती नगर, दलमा बेस कॉलोनी, रिपिट कॉलोनी, एमजीएम एरिया, गोकुल नगर, बालिगुमा और सुकुना बस्ती के लोग अब अपनी आजीविका और घरों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन इलाकों को 2012 में इको सेंसिटिव ज़ोन घोषित किया गया था, लेकिन अचानक चुनावी माहौल के बीच इन क्षेत्रों में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई है, जिससे लोग नाराज हैं और इसे सरकार की एक साजिश मान रहे हैं।
जनकल्याण समिति के सदस्य शंभू नाथ चौधरी ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और इसे पूरी तरह से राजनीतिक चाल करार दिया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि जब इन क्षेत्रों में घर बन रहे थे और उनका पंजीकरण हो रहा था, तब प्रशासन और सरकार कहां थे? क्यों उस समय इन निर्माणों को नहीं रोका गया? अब जब लोग अपने जीवन की पूरी कमाई इन घरों में लगा चुके हैं, तो उन्हें बेदखल करने का प्रयास करना अत्यंत अन्यायपूर्ण है।
शंभू नाथ चौधरी का कहना है कि यह कदम जनता के अधिकारों का सीधा हनन है और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। वे इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने का वादा करते हैं और उन सभी गरीब और मेहनतकश निवासियों के साथ खड़े होने का संकल्प लेते हैं, जो इस समय एक भयावह संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे इस संघर्ष में जनता के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
इसके अलावा, शंभू नाथ चौधरी ने स्थानीय मंत्री बन्ना गुप्ता को भी कटघरे में खड़ा किया है और उनसे सवाल किया है कि हजारों लोगों के जीवन पर संकट डालने वाले इस कदम पर उनका क्या रुख है। क्या वे इस अमानवीय और जनविरोधी कार्रवाई का समर्थन करते हैं, या फिर वे जनता के साथ खड़े होकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे?
शंभू नाथ चौधरी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे इस मुद्दे को लेकर हर स्तर पर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं, चाहे वह कानूनी हो, राजनीतिक हो, या सामाजिक हो। वे इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि जनता को उनका हक मिले।
उन्होंने कहा, "यह हमारा संघर्ष है, और हम इसे अंतिम सांस तक लड़ेंगे। मैं इन निवासियों के साथ हूं, और मैं इस अन्याय के खिलाफ उनकी आवाज बनूंगा।" उन्होंने सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी है कि जनता के अधिकारों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस चुनावी राजनीति के घिनौने चेहरे को बेनकाब किया जाएगा।
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