Patna BPSC Protest : 70वीं BPSC अभ्यर्थियों पर पुलिस का लाठीचार्ज, केस दर्ज
पटना में 70वीं BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जानिए क्या है पूरा मामला और किसने किया विरोध।
पटना में शनिवार को 70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। अभ्यर्थियों ने अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए गांधी मैदान से एक रैली शुरू की थी, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। जब वे बैरिकेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़े, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लिया।
प्रदर्शन के दौरान क्या हुआ?
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी, जो पिछले कई दिनों से 70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे, गांधी मैदान से निकलकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने के लिए जेपी गोलंबर की ओर बढ़ रहे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही बैरिकेड्स से रोक दिया। प्रदर्शनकारी इसके बावजूद बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़े, जिसके बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पीछे धकेलने के लिए लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। यह घटना उस समय हुई जब प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर अधिक आक्रामक हो गए थे। इस दौरान पुलिस ने जेपी गोलंबर तक पहुंचने से पहले प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया।
प्रशांत किशोर का नाम भी आया सामने
इस मामले में राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है क्योंकि प्रख्यात समाजिक कार्यकर्ता और राजनीति में सक्रिय प्रशांत किशोर का नाम भी सामने आया है। पुलिस ने इस प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में प्रशांत किशोर सहित 600 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ये लोग उस समय प्रदर्शन में शामिल थे जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
प्रदर्शन का कारण और मुद्दा
अभ्यर्थियों का मुख्य मुद्दा 70वीं बीपीएससी परीक्षा को लेकर था, जिसे वे रद्द करने की मांग कर रहे थे। उनका आरोप था कि परीक्षा में कई गलतियां हुई हैं और इसे फिर से आयोजित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, अभ्यर्थियों ने सरकार से अपनी समस्याओं का समाधान करने की अपील की थी।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने और वाटर कैनन का इस्तेमाल करने को अत्यधिक और अप्रत्याशित कदम बताया है। इसके अलावा, प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है कि उनका उद्देश्य सिर्फ अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाना था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई ने इसे और भी जटिल बना दिया है।
आगे क्या होगा?
इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, सरकार से प्रदर्शनकारियों की मांगों पर विचार करने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच, प्रदर्शनकारी यह भी कह रहे हैं कि वे अपनी मांगों को लेकर और बड़ा आंदोलन कर सकते हैं।
समाज में हड़कंप
इस घटनाक्रम ने न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार में हलचल मचा दी है। अभ्यर्थियों के आंदोलन में जुड़ी हुई यह घटना राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके साथ ही, छात्रों और युवाओं के बीच बढ़ते असंतोष को लेकर कई चर्चाएं हो रही हैं।
What's Your Reaction?