Jharkhand Cyber Crime : साइबर अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी, 20 संदिग्ध गिरफ्तार
झारखंड में साइबर अपराधियों के खिलाफ छापेमारी, 20 संदिग्ध गिरफ्तार। जानिए कैसे इन लोगों ने इंटरनेट के माध्यम से ठगी की और पुलिस ने क्या कार्रवाई की।
झारखंड में साइबर क्राइम के खिलाफ पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है। देवघर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की, जिसके तहत 20 संदिग्ध युवकों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों पर इंटरनेट का इस्तेमाल करके ठगी करने और साइबर क्राइम में लिप्त होने का आरोप है।
यह कार्रवाई झारखंड के एसपी के निर्देश पर की गई है, और पुलिस का कहना है कि साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया। पिछले कुछ दिनों से पुलिस इन संदिग्धों पर नजर रखे हुए थी और इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि इन क्षेत्रों में कुछ लोग संगठित होकर साइबर क्राइम कर रहे हैं।
साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाएं
पुलिस ने मोहनपुर, देवीपुर, सारवां, मधुपुर, और पथरोल थाना क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। इन क्षेत्रों के जंगल-झाड़ियों में पुलिस ने सटीक जानकारी के आधार पर संदिग्धों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए सभी युवक इंटरनेट के माध्यम से लोगों से ठगी करने, बैंक खातों की जानकारी चुराने, और व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर पैसे निकालने का काम कर रहे थे।
पुलिस को इनके पास से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं। इन उपकरणों की जांच की जा रही है ताकि साइबर क्राइम के नेटवर्क को और अधिक समझा जा सके और आरोपी पकड़े जा सकें।
कैसे करते थे ठगी?
पुलिस द्वारा जब्त किए गए मोबाइल फोन और सिम कार्ड से यह जानकारी मिली है कि इन संदिग्धों ने साइबर क्राइम के कई प्रकार के तरीके अपनाए थे। वे फर्जी कॉल सेंटर के जरिए ग्राहकों को धोखा देते थे, ओटीपी के माध्यम से बैंक से पैसे निकालते थे और सोशल इंजीनियरिंग के जरिए बैंकिंग डेटा चुराने की कोशिश करते थे।
यहाँ तक कि कुछ आरोपी ओटीपी धोखाधड़ी जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को लूटने में सफल होते थे। पुलिस का मानना है कि इन आरोपियों ने इंटरनेट और मोबाइल तकनीक का सही इस्तेमाल न करते हुए दूसरों को नुकसान पहुँचाया था।
साइबर सुरक्षा की आवश्यकता
साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने लोगों से साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि लोगों को अपने व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी को कभी भी अनजान व्यक्तियों के साथ साझा नहीं करना चाहिए।
इसके साथ ही, पुलिस ने यह भी सलाह दी है कि लोग ओटीपी और अन्य संवेदनशील जानकारी को किसी से साझा करने से बचें। इसके अलावा, पासवर्ड को मजबूत बनाएं और समय-समय पर उसे बदलते रहें। किसी भी अनजाने कॉल या संदेश से सतर्क रहकर तुरंत रिपोर्ट करें।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने अब तक 20 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि इन साइबर अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ा जा सके और और भी अपराधियों को पकड़ने में सफलता मिले।
इसके अलावा, पुलिस ने साइबर क्राइम से बचने के लिए विभिन्न तरीकों को अपनाने की योजना बनाई है। ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और लोगों को साइबर धोखाधड़ी से बचाया जा सके।
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