Nawada Initiative: नवादा में स्वतंत्रता सेनानी की स्मृति में निःशुल्क नेत्र जांच शिविर, 200 से अधिक नेत्र रोगियों की जांच
नवादा में स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामकिशुन सिंह की स्मृति में मुफ्त नेत्र जांच शिविर आयोजित। 200 से अधिक मरीजों की जांच, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के इलाज की सलाह दी गई।
नवादा के वारिसलीगंज नगर परिषद क्षेत्र में स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व विधायक स्व. रामकिशुन सिंह की पुण्य स्मृति में रविवार को निःशुल्क नेत्र जांच शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर बायपास रोड स्थित सर्वोदय विद्यालय परिसर में आयोजित हुआ, जहां 200 से अधिक नेत्र रोगियों की जांच की गई।
स्वतंत्रता सेनानी की विरासत में स्वास्थ्य सेवा
स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता स्व. रामकिशुन सिंह ने अपने जीवनकाल में समाजसेवा को प्रमुख स्थान दिया। उनकी स्मृति में हर साल इस तरह के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाते हैं। इस बार आयोजित नेत्र जांच शिविर उनके द्वारा शुरू की गई इस परंपरा का हिस्सा है, जो समाज में स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देता है।
शिविर में क्या-क्या हुआ?
शिविर का आयोजन श्यामानंद याजी और साईं लाइंस अस्पताल की टीम के सहयोग से किया गया। डॉ. मनीष और डॉ. भास्कर ने मरीजों की जांच की और उन्हें उचित परामर्श दिया। मरीजों को मुफ्त दवाइयां वितरित की गईं और उनके उपयोग के बारे में जानकारी दी गई।
जांच में क्या पाया गया?
शिविर में आए मरीजों में से कई मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसे गंभीर नेत्र रोगों से ग्रस्त पाए गए। इन मरीजों को ऑपरेशन की सलाह दी गई और उन्हें पटना स्थित साईं लाइंस अस्पताल में इलाज के लिए रिफर किया गया।
स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ता योगदान
यह शिविर स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीण और जरूरतमंद लोगों को विशेष रूप से लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इसे आयोजित किया गया। यह पहल समाज के उन तबकों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का प्रयास है, जो आर्थिक तंगी के कारण इसे प्राप्त करने में सक्षम नहीं होते।
शिविर के आयोजन में स्थानीय योगदान
शिविर को सफल बनाने में स्थानीय समाजसेवियों का योगदान सराहनीय रहा। श्यामानंद याजी, बद्री नारायण सिंह, अवधेश प्रसाद, मनोज सिंह, अवनीश कुमार, और नवलेश कुमार सहित कई लोगों ने अपने प्रयासों से इसे सफल बनाया।
स्वतंत्रता सेनानी का योगदान और उनकी विरासत
स्व. रामकिशुन सिंह न केवल स्वतंत्रता संग्राम में एक सक्रिय भागीदार थे, बल्कि समाज सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी स्मृति में आयोजित यह शिविर उनके द्वारा समाज के लिए किए गए कार्यों को श्रद्धांजलि है।
नेत्र रोग और उनकी बढ़ती समस्या
भारत में नेत्र रोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसे रोगों का समय पर इलाज नहीं हो पाता। ऐसे में इस तरह के शिविर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और चिकित्सा सेवा पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम बनते हैं।
भविष्य की योजनाएं
इस तरह के निःशुल्क शिविर न केवल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान हैं, बल्कि समाज में समानता और कल्याण को बढ़ावा देते हैं। आयोजकों ने भविष्य में भी इस तरह के शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है।नवादा में आयोजित इस नेत्र जांच शिविर ने न केवल रोगियों को राहत पहुंचाई, बल्कि समाज में स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व को भी उजागर किया। यह शिविर स्व. रामकिशुन सिंह के समाज सेवा के आदर्शों का प्रतीक है और समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कदम है।
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