लेबनान में दूसरे हमले में और अधिक वायरलेस डिवाइस फटे: हिज़बुल्लाह पर लगातार हमलों से दहशत बढ़ी
लेबनान में लगातार दूसरे दिन हिज़बुल्लाह से जुड़े वायरलेस डिवाइस विस्फोट का शिकार बने। इन हमलों में 20 लोग मारे गए और 450 से अधिक घायल हुए। हमले के पीछे इज़राइल का हाथ होने का संदेह है।
लेबनान में हालात और तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। दूसरे दिन भी वायरलेस डिवाइसों में हुए विस्फोटों ने देश को झकझोर कर रख दिया है। बुधवार को लेबनान और राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में कई जगहों पर हिज़बुल्लाह से जुड़े हैंड-हेल्ड संचार उपकरणों में जोरदार धमाके हुए। इस हमले में कम से कम 20 लोग मारे गए और 450 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। यह जानकारी लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है। यह हमला पिछले दिन हुए हमले के बाद हुआ, जिसमें 12 लोग मारे गए थे और हज़ारों घायल हुए थे।
वायरलेस डिवाइसों में विस्फोट
बुधवार की दोपहर को पूरे लेबनान में फैले हिज़बुल्लाह के सदस्यों के पास मौजूद वॉकी-टॉकी डिवाइसों में विस्फोट हुए। इससे पहले, मंगलवार को हिज़बुल्लाह सदस्यों द्वारा उपयोग किए जा रहे पैजर्स में भी इसी तरह के विस्फोट हुए थे। इन दोनों हमलों में अब तक कुल 32 लोग मारे गए हैं, जिनमें से कुछ हिज़बुल्लाह के सदस्य थे। इन घटनाओं ने पूरे देश को भयभीत कर दिया है और हिज़बुल्लाह को बड़ा झटका दिया है।
इज़राइल पर हमले का शक
हिज़बुल्लाह और लेबनान के अधिकारियों ने इज़राइल पर इन हमलों के पीछे होने का आरोप लगाया है। पिछले कुछ महीनों से इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच सीमा पर तनाव चल रहा है, और यह हमला उसी का नतीजा बताया जा रहा है। हालाँकि, इज़राइल ने अभी तक इन हमलों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन इज़राइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने बुधवार रात एक बयान में संकेत दिया कि इज़राइल अब "युद्ध के एक नए चरण" में प्रवेश कर रहा है और उसका ध्यान उत्तर की ओर बढ़ रहा है, जहाँ हिज़बुल्लाह सबसे बड़ा खतरा है।
हमले से पहले की घटनाएं
मंगलवार को हुए हमले में हिज़बुल्लाह के सदस्य इस्तेमाल कर रहे पैजर्स में विस्फोट हुआ था, जिससे 12 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हो गए। बुधवार को हुए नए विस्फोटों में IC-V82 मॉडल के वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल किया गया था। यह डिवाइस जापान की कंपनी Icom द्वारा निर्मित है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हिज़बुल्लाह ने इन उपकरणों को कहाँ से खरीदा था।
शोक और दहशत का माहौल
बुधवार के विस्फोटों ने एक अंतिम संस्कार के दौरान भीषण भय पैदा कर दिया। अंतिम संस्कार उन हिज़बुल्लाह लड़ाकों का था, जो मंगलवार के हमले में मारे गए थे। इस दौरान मौजूद लोगों से कहा गया कि वे अपने फोन से बैटरी निकाल लें ताकि किसी अन्य विस्फोट से बचा जा सके। सबसे कम उम्र की पीड़ित, 9 साल की फ़ातिमा अब्दुल्ला का अंतिम संस्कार भी इसी दौरान हुआ। उसके परिवार और ग्रामीणों ने रोते हुए कहा, "उन्होंने हमारी फ़ातिमा को मार दिया।"
इज़राइल की गुप्त गतिविधियां
इज़राइल लंबे समय से ईरान और उसके सहयोगियों के खिलाफ गुप्त हमलों को अंजाम देता आ रहा है। इसमें 2020 में ईरान के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फख्रीजादेह की हत्या, और 2021 में ईरान के तेल मंत्रालय पर साइबर हमले जैसी घटनाएं शामिल हैं। इन हमलों से ईरान के कई प्रमुख बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचाया गया था।
आगे की स्थिति
लेबनान में हाल के ये हमले इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच चल रहे तनाव को और बढ़ा सकते हैं। अगर यह संघर्ष इसी तरह जारी रहा, तो यह पूरे क्षेत्र में एक बड़े युद्ध का रूप ले सकता है। दोनों देशों के बीच कई महीनों से बढ़ती हुई दुश्मनी अब चरम पर पहुंचती नजर आ रही है।
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