लेटर बनाम लेटर: बीजेपी प्रमुख नड्डा ने कांग्रेस के खड़गे को लिखा पत्र, राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा ‘फेल प्रोडक्ट को चमकाने की कोशिश
बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा, जिसमें राहुल गांधी को 'फेल प्रोडक्ट' कहकर उन पर निशाना साधा। खड़गे ने हाल ही में पीएम मोदी को राहुल गांधी के खिलाफ दिए गए बयानों पर पत्र लिखा था।
बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा, जिसमें राहुल गांधी को 'फेल प्रोडक्ट' कहकर उन पर निशाना साधा। खड़गे ने हाल ही में पीएम मोदी को राहुल गांधी के खिलाफ दिए गए बयानों पर पत्र लिखा था।
भारतीय राजनीति में पत्रों के माध्यम से आरोप-प्रत्यारोप का एक नया दौर शुरू हो गया है। दो दिन पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी। इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खड़गे को तीन पन्नों का तीखा पत्र लिखते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला है।
जेपी नड्डा ने अपने पत्र में कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को "फेल प्रोडक्ट" बताते हुए खड़गे से सवाल किया कि आखिर किस मजबूरी के चलते वे बार-बार राहुल गांधी का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे जनता बार-बार खारिज कर चुकी है। नड्डा ने लिखा, "आपने जो पत्र प्रधानमंत्री मोदी को लिखा है, वह एक 'फेल प्रोडक्ट' को राजनीतिक मजबूरी के तहत फिर से बाजार में चमकाने की कोशिश है।"
राहुल गांधी पर तीखा हमला
जेपी नड्डा ने अपने पत्र में राहुल गांधी पर कई पुराने आरोपों को दोहराया, जिनमें उन्होंने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओबीसी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक बयान देने का दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने पूरे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को चोर कहकर संबोधित किया था, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हैं। उनके शब्द अत्यंत अशोभनीय और निंदनीय थे।"
नड्डा ने सवाल किया, "आप किस मजबूरी के तहत राहुल गांधी का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं?" उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी अब केवल एक 'कॉपी-पेस्ट' पार्टी बनकर रह गई है, जो अपने प्रसिद्ध 'राजकुमार' के दबाव में काम कर रही है।
खड़गे का पत्र और उनकी चिंताएं
खड़गे ने 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखते हुए राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने विशेष रूप से केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और बीजेपी के एक पूर्व विधायक द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ दी गई धमकियों को लेकर अपनी नाराजगी जताई। खड़गे ने कहा, "राहुल गांधी के खिलाफ 'नंबर वन आतंकवादी' जैसी बातें बेहद चिंता का विषय हैं और इससे भारतीय लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों पर खतरा मंडरा रहा है।"
उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, और राजीव गांधी ने अपना बलिदान देश की राजनीति में इस प्रकार की विषाक्तता के लिए नहीं दिया था। खड़गे ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से अपील की कि वे अपने पार्टी नेताओं और सहयोगियों को अनुशासन में रखें और इस प्रकार की भाषा पर सख्त कार्रवाई करें।
राहुल गांधी के खिलाफ बयान और बीजेपी का बचाव
कांग्रेस पार्टी की चिंताओं के विपरीत, बीजेपी के कई नेताओं ने राहुल गांधी पर तीखे हमले किए हैं। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने एक बयान में कहा था, "देश के दुश्मन जो ट्रेन, प्लेन, सड़क उड़ाने की कोशिश करते हैं, वे राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं। अगर देश के सबसे बड़े दुश्मन और नंबर वन आतंकवादी को पकड़ने का पुरस्कार होना चाहिए, तो वह राहुल गांधी को मिलना चाहिए।"
बीजेपी ने शिवसेना नेता संजय गायकवाड़ के बयान से भी दूरी बनाई, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की जीभ काटने पर 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। बीजेपी ने साफ किया कि पार्टी इस तरह के बयान का समर्थन नहीं करती।
नड्डा का पलटवार और कांग्रेस की रणनीति
जेपी नड्डा ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी के नेता अपने 'राजकुमार' के बचाव के लिए निराधार दावे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि खड़गे का पत्र राहुल गांधी के पुराने विवादित बयानों को नजरअंदाज कर रहा है। नड्डा ने राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं के खिलाफ दिए गए पुराने बयानों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच पत्रों के माध्यम से हो रहा यह आरोप-प्रत्यारोप एक बार फिर से भारतीय राजनीति में तीखे मतभेदों को उजागर करता है। एक ओर जहां कांग्रेस अपने नेता राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणियों को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है, वहीं बीजेपी ने राहुल गांधी के बयानों को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। इस विवाद ने भारतीय राजनीति में आने वाले दिनों में और गर्मी लाने का संकेत दिया है।
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