गोईलकेरा में युवती से दुष्कर्म और हत्या के संदेह में युवक की पीट-पीटकर हत्या
गोईलकेरा में युवती से दुष्कर्म और हत्या के आरोप में एक युवक की ग्रामीणों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। जानें घटना की पूरी जानकारी और पुलिस की भूमिका।
चाईबासा, गोईलकेरा: झारखंड के गोईलकेरा थाना क्षेत्र के कुरकुटिया गांव में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक युवक की ग्रामीणों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। युवक टूटे हेम्ब्रम पर एक हफ्ते पहले मवेशी चरा रही एक युवती के साथ दुष्कर्म और हत्या का आरोप था। पुलिस की जांच अभी जारी थी, लेकिन ग्रामीणों ने कानून को अपने हाथों में लेकर उसे मार डाला।
घटना का विवरण:
मंगलवार को ग्रामीणों ने टूटे हेम्ब्रम को पकड़ लिया और बिना किसी पुलिस या कोर्ट के हस्तक्षेप के उसे सजा देने का फैसला किया। ग्रामीणों का आरोप था कि हेम्ब्रम ने एक हफ्ते पहले युवती के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। युवती की अर्धनग्न लाश पास की झाड़ियों में मिली थी, जिसके बाद से गांव में तनाव व्याप्त था। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने टूटे हेम्ब्रम को बांधकर पूरे गांव में घुमाया और लगातार उसकी पिटाई की।
पुलिस की भूमिका पर सवाल:
पिटाई के दौरान पुलिस को सूचना मिली, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और टूटे हेम्ब्रम को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाया। उसकी हालत इतनी गंभीर हो चुकी थी कि उसे तुरंत चाईबासा सदर अस्पताल भेजा गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पहले ही कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि घटना के बारे में जानकारी थी।
सजा बिना सबूत:
इस पूरे मामले में सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि टूटे हेम्ब्रम पर जो आरोप लगे थे, वे साबित नहीं हुए थे। पुलिस की जांच अभी जारी थी और कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई थी। बावजूद इसके, ग्रामीणों ने खुद ही न्याय करने का निर्णय लिया और उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी जान चली गई।
सामाजिक न्याय की गिरती स्थिति:
यह घटना केवल गोईलकेरा में हुई एक व्यक्तिगत घटना नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज में बढ़ती हुई भीड़तंत्र और कानून की अनदेखी की एक बड़ी समस्या को उजागर करती है। जहां कानून को हाथ में लेने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, वहीं निर्दोषों को भीड़ के क्रोध का शिकार बनना पड़ रहा है। टूटे हेम्ब्रम के मामले में भी यह साफ है कि बिना सबूत के ग्रामीणों ने उसे दोषी मान लिया और उसकी जान ले ली।
आगे की कार्रवाई:
इस घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की कोशिश है कि इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। पुलिस अब यह भी देख रही है कि क्या युवती की हत्या के पीछे वास्तव में टूटे हेम्ब्रम का हाथ था या नहीं।
गोईलकेरा की यह घटना हमारे समाज में कानून और न्याय प्रणाली की अवहेलना और भीड़ द्वारा न्याय करने की प्रवृत्ति की खतरनाक स्थिति को दर्शाती है। जहां एक ओर टूटे हेम्ब्रम पर गंभीर आरोप थे, वहीं दूसरी ओर उसकी बिना कानूनी प्रक्रिया के मौत होना न्याय की गरिमा पर सवाल खड़ा करता है।
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