साहित्य

ग़ज़ल - 5 - रियाज खान गौहर, भिलाई

दोस्त उसको बना नही सकता  दुश्मनी को भूला नही सकता .....

समर्पण - आरती श्रीवास्तव "विपुला" जमशेदपुर ( झारखंड )

विशिष्ट अवसरों पर सम्मान... दैनिक जागरण से मदर्स डे पर लिखे चिट्ठी पर सम्मान पत्...

ग़ज़ल - 3 - रियाज खान गौहर, भिलाई

जो भी अच्छा कहेंगे  शौक से हम सुनेंगे ..

मोहम्मद रफ़ी: यादों के झरोखे से

मोहम्मद रफ़ी की पुण्यतिथि पर विशेष:

ग़ज़ल - 2 - रियाज खान गौहर ,भिलाई

ज़मीँ रो रही आसमाँ रो रहा है  ये सारा का सारा जहाँ रो रहा है ..

सावन की महिमा - दीप गुप्ता जी,देहरादून

सावन की महिमा - दीप गुप्ता जी,देहरादून