India Stalking: क्या आप भी हो रही हैं पीछा करने का शिकार? जानें सुरक्षा के उपाय
भारत में महिलाओं के खिलाफ स्टॉकिंग के बढ़ते मामलों के बीच जानिए स्टॉकिंग को लेकर भारतीय कानून, शिकायत दर्ज करने के तरीके, और साइबर स्टॉकिंग से बचने के उपाय।
भारत में बढ़ता स्टॉकिंग का खतरा: क्या आप भी महिलाओं की सुरक्षा के बारे में चिंतित हैं? क्या आपने कभी महसूस किया है कि कोई आपको बिना आपकी इच्छा के देखता रहता है, आपका पीछा करता है या आपकी जानकारी के बिना आपको परेशान करता है? अगर हां, तो यह सिर्फ एक साधारण जिज्ञासा नहीं, बल्कि स्टॉकिंग हो सकता है। स्टॉकिंग, यानी पीछा करना, महिलाओं के खिलाफ एक गंभीर अपराध है जिसे भारतीय कानून गंभीरता से देखता है।
क्या है स्टॉकिंग?
स्टॉकिंग का मतलब किसी व्यक्ति का किसी अन्य व्यक्ति का पीछा करना, उन्हें बिना उनकी अनुमति के बार-बार देखने या परेशान करने से है। यह एक मानसिक उत्पीड़न है जो शारीरिक और मानसिक शांति को प्रभावित करता है। स्टॉकिंग कई रूपों में हो सकता है—सामान्य रूप से किसी का पीछा करना, लगातार कॉल्स करना, या साइबर स्पेस में अनचाही निगरानी रखना।
भारत में बढ़ते स्टॉकिंग मामले
2021 में भारत में स्टॉकिंग के रोज़ाना लगभग 25 मामले दर्ज हुए थे, और यह आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है। जब से राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के तहत स्टॉकिंग को आधिकारिक रूप से अपराध घोषित किया, तब से स्टॉकिंग के मामलों में 97 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह केवल वो मामले हैं जो दर्ज किए गए हैं—अनगिनत मामले ऐसे भी होते हैं जो घर की चारदीवारी तक सीमित रहते हैं और पुलिस तक नहीं पहुंच पाते।
कानूनी दृष्टिकोण: स्टॉकिंग एक अपराध
भारत में स्टॉकिंग को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। आईपीसी की धारा 354-D के तहत किसी महिला का पीछा करने या परेशान करने पर आरोपी को तीन से पांच साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही, जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम और 2013 का आपराधिक अधिनियम ऑनलाइन स्टॉकिंग से संबंधित अपराधों को भी कवर करते हैं।
अगर आप इस अपराध का शिकार होती हैं, तो आप तुरंत एफआईआर दर्ज करा सकती हैं। इसके लिए आप अपने नजदीकी थाने में या राष्ट्रीय महिला आयोग (NCCW) की वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकती हैं।
साइबर स्टॉकिंग से बचने के उपाय
आजकल की वर्चुअल दुनिया में साइबर स्टॉकिंग एक गंभीर समस्या बन गई है। साइबर स्टॉकर वे लोग होते हैं जो सोशल मीडिया, ईमेल या अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर किसी महिला की व्यक्तिगत जानकारी इकट्ठा करते हैं और उन्हें परेशान करते हैं। इस तरह के स्टॉकर अनचाहे संदेश भेज सकते हैं, आपकी निजी जानकारी को लेकर आपको असहज कर सकते हैं, और आपकी ऑनलाइन सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं।
कैसे पहचाने साइबर स्टॉकर?
- बार-बार अनजाने नंबर से कॉल्स या मैसेज आना
- सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी के बारे में सवाल पूछना
- व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी जानकारी शेयर करने के लिए दबाव डालना
- अनचाहे वीडियो, फोटो या संदेश भेजना
क्या करें यदि आप साइबर स्टॉकिंग का शिकार हों?
- शिकायत दर्ज करें: किसी भी थाने में जाकर साइबर स्टॉकिंग की शिकायत दर्ज कराएं।
- ब्लॉक करें: स्टॉकर को सोशल मीडिया पर ब्लॉक करें और उनकी हर गतिविधि से खुद को अलग करें।
- ऑनलाइन रिपोर्ट करें: आप इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को भी रिपोर्ट कर सकती हैं।
- महिला हेल्पलाइन: 1091 पर कॉल करके सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
स्टॉकिंग महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है, जो न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनकी निजी स्वतंत्रता पर भी हमला करता है। इस समस्या से निपटने के लिए हमें जागरूकता बढ़ानी होगी और कानून के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करना होगा।
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