डिजिटल अरेस्ट ( DIgital Arrest ): वीडियो कॉल के जरिए साइबर ठगों का नया जाल! जानिए कैसे बचें इस खतरनाक फ्रॉड से
जानिए क्या है 'डिजिटल अरेस्ट' फ्रॉड, कैसे साइबर क्रिमिनल वीडियो कॉल के जरिए लोगों को शिकार बना रहे हैं, और किन तरीकों से आप इससे बच सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर!
डिजिटल अरेस्ट (DIgital Arrest ): वीडियो कॉल से फंसाने का नया जाल, आप हो सकते हैं अगला शिकार! जानें बचने के तरीके
टेक्नोलॉजी ने जहां एक ओर हमारी जिंदगी को सुविधाजनक बना दिया है, वहीं दूसरी ओर साइबर क्रिमिनल्स के लिए भी नए दरवाजे खोल दिए हैं। हाल के दिनों में 'डिजिटल अरेस्ट' नामक एक नया साइबर फ्रॉड सामने आया है, जिसमें ठग वीडियो कॉल के जरिए लोगों को मानसिक रूप से कैद करते हैं और उनसे उनकी पर्सनल जानकारी लेकर धोखाधड़ी करते हैं। यह नई तकनीक पर आधारित एक बेहद खतरनाक फ्रॉड है, जिसके चलते लोगों को लाखों की चपत लग रही है।
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट एक नया साइबर फ्रॉड है, जिसमें स्कैमर्स पीड़ित व्यक्ति को वीडियो कॉल के जरिए धमकाते हैं। वह वीडियो कॉल में अपने बैकग्राउंड को पुलिस स्टेशन जैसा दिखाते हैं, जिससे व्यक्ति डर जाता है। स्कैमर पीड़ित को कई घंटों या दिनों तक कैमरे के सामने बैठने के लिए मजबूर करते हैं और इस बीच उसे यह विश्वास दिलाते हैं कि उसके आधार कार्ड, सिम कार्ड या बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी काम में हो रहा है। डर के चलते, पीड़ित उनकी बात मानकर अपनी पर्सनल जानकारी साझा कर देता है।
कैसे काम करता है यह फ्रॉड?
स्कैमर्स पीड़ित को पहले फोन कॉल करके बताते हैं कि वे किसी पुलिस स्टेशन से बोल रहे हैं और आपके नाम पर कोई फ्रॉड चल रहा है। इसके बाद वे वीडियो कॉल पर आने को कहते हैं। जैसे ही पीड़ित कॉल पर आता है, उसे पुलिस स्टेशन जैसा सेटअप दिखता है, जिससे वह पूरी तरह से डर जाता है। इसके बाद, स्कैमर उसे धमकाते हैं कि अगर उसने फोन काटा, तो वह कानून तोड़ रहा होगा। इस दौरान पीड़ित को जमानत और अन्य बहाने देकर ठगा जाता है।
पीड़ित फोन क्यों नहीं काट पाते?
लोग यह सोचते हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, इसलिए फोन काटना उनके लिए खतरनाक हो सकता है। इसी डर का फायदा स्कैमर उठाते हैं और उन्हें घंटों या दिनों तक वीडियो कॉल पर बनाए रखते हैं। यह मानसिक दबाव इतना बढ़ जाता है कि पीड़ित अपनी व्यक्तिगत जानकारी भी साझा कर देता है, जिससे उसके बैंक अकाउंट से पैसा उड़ाया जाता है।
कैसे बचें इस फ्रॉड से?
- धमकाने वाली कॉल्स से रहें सतर्क: कोई भी एजेंसी आपको इस तरह धमकी नहीं देती। अगर ऐसी कॉल आती है, तो तुरंत पुलिस स्टेशन जाएं।
- नेशनल साइबर हेल्पलाइन: 1930 नंबर पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं।
- किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें: अनजान स्रोतों से आने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
- बैंक डिटेल्स न दें: फोन या वीडियो कॉल पर कभी भी अपनी बैंक डिटेल्स साझा न करें।
- थर्ड पार्टी ऐप्स से बचें: अनजान ऐप्स इंस्टॉल न करें और अपने डिवाइस को अपडेट रखें।
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