Jamshedpur Initiative: झारखंड सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल से सशक्त बनाने की योजना की शुरुआत!
झारखंड सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए मोबाइल वितरण की योजना शुरू की है। अब सेविकाएं सरकारी योजनाओं का डाटा आसानी से संग्रहित कर सकेंगी। पढ़ें, कैसे यह योजना लाभुकों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।

झारखंड सरकार ने एक बार फिर से आंगनबाड़ी सेविकाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब सेविकाओं को सरकार द्वारा स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं, जिनमें पहले से सरकारी योजनाओं से संबंधित ऐप्स डाउनलोड किए गए हैं। इन ऐप्स का इस्तेमाल करके सेविकाएं लाभार्थियों का डाटा दर्ज कर सकेंगी, जिससे योजनाओं के सही क्रियान्वयन की निगरानी में मदद मिलेगी।
सरायकेला-खरसावां जिला का ऐतिहासिक कदम
शनिवार को सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड कार्यालय सभागार में इस पहल की शुरुआत की गई। इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) अभय कुमार द्विवेदी, अंचलाधिकारी कुमार अरविंद बेदिया, ब्लॉक प्रोग्राम ऑफिसर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को पोषाहार भी वितरित किया गया।
नई तकनीक से सेविकाओं का सशक्तिकरण
इस तकनीकी पहल से सेविकाओं को ना सिर्फ अपने कार्यों को अधिक व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी, बल्कि वे सरकारी योजनाओं के डाटा को भी आसानी से संग्रहित और ट्रैक कर सकेंगी। BDO अभय द्विवेदी ने इस मौके पर सेविकाओं को मोबाइल का दुरुपयोग न करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी बदलाव शुरुआत में कुछ कठिन हो सकता है, लेकिन उचित प्रशिक्षण के जरिए सेविकाएं इसे बहुत जल्द सिख लेंगी।
झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना
इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार आंगनबाड़ी सेवाओं की दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने का प्रयास कर रही है। अब सेविकाएं पोषाहार वितरण, लाभार्थियों के डाटा संग्रहण, और योजनाओं की निगरानी का काम और अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगी। सीडीपीओ दुर्गेश नंदिनी ने इस पहल को राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी सोच बताया और कहा कि इससे सेविकाओं के कार्यों की निगरानी और प्रदर्शन में सुधार होगा।
झारखंड सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया की ओर एक बड़ा कदम है, जिसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आंगनबाड़ी सेविकाएं तकनीकी दृष्टिकोण से कितनी उत्पादक साबित होती हैं।
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