Planetary Alignment : 25 जनवरी 2025: शानदार ग्रहीय संरेखण (प्लैनेट परेड) का नज़ारा

25 जनवरी 2025 की रात शानदार ग्रहीय संरेखण (प्लैनेट परेड) में एक साथ 6 ग्रह दिखाई देंगे। जानें कब और कैसे इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखें।

Jan 25, 2025 - 17:43
Jan 25, 2025 - 17:46
 0
Planetary Alignment : 25 जनवरी 2025: शानदार ग्रहीय संरेखण (प्लैनेट परेड) का नज़ारा
Planetary Alignment : 25 जनवरी 2025: शानदार ग्रहीय संरेखण (प्लैनेट परेड) का नज़ारा

सुशी सक्सेना, इंदौर, मध्य प्रदेश : खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए जनवरी 2025 का महीना अद्वितीय खगोलीय घटनाओं का साक्षी बनेगा। 25 जनवरी 2025 को होने वाले ग्रहीय संरेखण (प्लैनेट परेड) में 6 ग्रह एक साथ दिखाई देंगे। यह घटना खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए रोमांच और ज्ञान का नया अवसर लेकर आई है।

वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला (गोरखपुर) के खगोलविद अमर पाल सिंह ने इस अनोखी खगोलीय घटना के महत्व और इसे देखने के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी।

 

क्या है ग्रहीय संरेखण?

ग्रहीय संरेखण तब होता है जब रात के आकाश में सौर मंडल के कई ग्रह एक साथ नज़र आते हैं।

  1. लघु संरेखण: 3-4 ग्रह एक साथ दिखाई देते हैं।
  2. बृहद संरेखण: 4-6 ग्रह एक साथ नज़र आते हैं।
  3. बृहत्तर संरेखण: सभी 8 ग्रह एक साथ दिखते हैं (यह 396 अरब वर्षों में केवल एक बार होता है)।

25 जनवरी को कौन-कौन से ग्रह दिखेंगे?

इस बार के ग्रहीय संरेखण में 6 ग्रह शामिल होंगे:

  1. शुक्र ग्रह
  2. मंगल ग्रह
  3. बृहस्पति ग्रह
  4. शनि ग्रह
  5. अरुण ग्रह (Uranus)
  6. वरुण ग्रह (Neptune)

खास बातें:

  • शुक्र, मंगल, बृहस्पति, और शनि ग्रहों को बिना किसी उपकरण के देखा जा सकता है।
  • अरुण और वरुण ग्रहों को देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की आवश्यकता होगी।

 

कब और कैसे देखें?

  • तारीख: 25 जनवरी 2025
  • समय: सूर्यास्त के 45 मिनट बाद (शाम 7:30 बजे से)
  • दिशा:
    • शुक्र और शनि ग्रह: दक्षिण-पश्चिम दिशा
    • बृहस्पति ग्रह: दक्षिण-पूर्व दिशा
    • मंगल ग्रह: पूर्व दिशा

महत्वपूर्ण सुझाव:

  • इस संरेखण को साफ़ और अंधेरे वाले स्थान पर देखा जा सकता है।
  • प्रकाश प्रदूषण से दूर रहकर देखने का आनंद लें।

ग्रहीय संरेखण का विज्ञान

क्या होता है प्लैनेट परेड  ?

खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस खगोलीय घटना को वैसे तो प्लैनेटरी एलाइनमेंट या ग्रहीय संरेखण कहा जाता है जब सौर मण्डल के कई ग्रह एक साथ दिखाई देते हैं, लेकिन वास्तविक तौर से ग्रह किसी सीधी रेखा में न होकर एक दीर्घवृत्ताकार कक्षा में सूर्य का परिभ्रमण करते हुए एक तरफ़ होते हुए एलिप्टिकल प्लेन (दीर्घ वृत्तीय प्लेन) के निकट होते हैं , जो कि आकाश में यह एक रेखा में दिखाई देते हैं, लेकिन यह एक रेखा में होते नहीं हैं, इसे ग्रहीय संरेखण और प्लैनेट परेड भी कहा जाता है।

महत्वपूर्ण तिथियां

  • 21 जनवरी 2025: संरेखण दिखना शुरू।
  • 25 जनवरी 2025: चरम पर।
  • 31 जनवरी 2025 तक: आसानी से देखा जा सकता है।
  • 13 फरवरी 2025 तक: आंशिक संरेखण।

दुर्लभ अवसर: खगोल प्रेमियों के लिए सीखने का मौका

यह खगोलीय घटना छात्रों और खगोल प्रेमियों के लिए ज्ञानवर्धन और अनुसंधान का शानदार अवसर है।

छात्रों के लिए प्रश्न:

  1. ग्रहीय संरेखण का वैज्ञानिक महत्व क्या है?
  2. इस घटना से खगोल विज्ञान में क्या नए तथ्य पता चल सकते हैं?
  3. इसे देखने के लिए किन उपकरणों की आवश्यकता है?

निष्कर्ष:
25 जनवरी 2025 का ग्रहीय संरेखण खगोलीय प्रेमियों के लिए एक अनूठा और रोमांचक अनुभव होगा। यह घटना हमें ब्रह्मांड की विशालता और वैज्ञानिक संभावनाओं को समझने का मौका देती है। आप भी इस दुर्लभ संयोग को देखने का आनंद लें और इसकी खूबसूरती को यादगार बनाएं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।