Ranchi Relief: सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, ईडी केस में पेशी का आदेश रुका

झारखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी केस में बड़ी राहत दी। जानें क्यों रुका कोर्ट का पेशी आदेश और इसका झारखंड की राजनीति पर क्या असर होगा।

Dec 4, 2024 - 17:01
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Ranchi Relief: सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, ईडी केस में पेशी का आदेश रुका
Ranchi Relief: सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, ईडी केस में पेशी का आदेश रुका

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने रांची एमपी-एमएलए की विशेष अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सीएम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर शिकायत वाद में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था। इस फैसले ने झारखंड की राजनीतिक सरगर्मियों को एक नया मोड़ दे दिया है।

क्या है मामला?

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी ने एक शिकायत वाद दर्ज किया था। इस मामले में रांची एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने सीएम की व्यक्तिगत पेशी से छूट की याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया।

हाईकोर्ट की कार्यवाही

झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच में सीएम की याचिका पर सुनवाई हुई। मुख्यमंत्री की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश, दीपांकर रॉय और श्रेय मिश्रा ने जोरदार बहस की। अदालत ने एमपी-एमएलए विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगा दी और मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है।

राजनीतिक और कानूनी दांव-पेच

हेमंत सोरेन की इस कानूनी लड़ाई ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर हमला तेज कर दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री को मिली राहत उनके समर्थकों के लिए एक बड़ी जीत के तौर पर देखी जा रही है।

झारखंड में ईडी की बढ़ती सक्रियता

झारखंड में पिछले कुछ समय से ईडी की सक्रियता बढ़ी है। कई हाई-प्रोफाइल मामले ईडी की जांच के दायरे में आए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह मामला भी राज्य की राजनीति में एक अहम मुद्दा बन गया है। इससे पहले भी ईडी ने राज्य के कई नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

झारखंड का कानूनी इतिहास

झारखंड की राजनीति में कानूनी मामलों की अपनी एक अलग ही कहानी है। पहले भी राज्य के कई मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारी अदालतों के चक्कर लगाते देखे गए हैं। राजनीतिक संघर्ष के बीच कोर्ट की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है। हेमंत सोरेन का यह मामला भी राज्य के न्यायिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ रहा है।

हेमंत सोरेन का रुख और जनता की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हमेशा कहा है कि वह कानून का सम्मान करते हैं और अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे। इस मामले में राहत मिलने के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। वहीं, विपक्ष इसे एक अस्थायी राहत मानकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तैयार कर रहा है।

आगे का रास्ता

इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। तब तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को व्यक्तिगत पेशी से छूट मिल गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट का अगला कदम क्या होगा और इस मामले का झारखंड की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।