Kenduya Accident: मुंडन के बाद घर लौटते बुजुर्ग को रौंद गई कार, युवक भी गंभीर घायल!
केंदुआ में सोमवार को दो दर्दनाक सड़क हादसे हुए। एक में मुंडन से लौट रहे 65 वर्षीय बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि दूसरे हादसे में जामताड़ा का युवक बाइक से गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हुआ। दोनों का इलाज धनबाद में चल रहा है।

धनबाद जिले के केंदुआ में सोमवार को दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं ने स्थानीय लोगों को हिला कर रख दिया। दिन के उजाले में हुई ये घटनाएं न सिर्फ दर्दनाक थीं, बल्कि सवाल खड़े करती हैं – क्या हमारी सड़कों पर अब आम इंसान का चलना भी सुरक्षित नहीं रह गया है?
पहले हादसे की कहानी: एक रस्म, जो बनी हादसे की वजह!
दोपहर के लगभग 12 बजे का समय था। केंदुआ के दुर्गा मंदिर में एक पारिवारिक खुशी का माहौल था — मिथुन राय का मुंडन संस्कार संपन्न हो चुका था। परिवार के सभी लोग घर लौट चुके थे, लेकिन 65 वर्षीय गणेश राय, जो मिथुन के मामा हैं, मंदिर में कुछ देर विश्राम कर रहे थे।
मंदिर से घर की दूरी महज कुछ ही कदम थी, लेकिन किस्मत ने उन्हें एक क्रूर मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया। थोड़ी ही देर बाद घरवालों को एक फोन कॉल आया, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। गणेश राय को एक सड़क हादसे में गंभीर चोटें आई थीं।
स्थानीय लोगों की मदद से परिजन उन्हें तुरंत धनबाद के एसएनएमएमसीएच अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके पेट में गहरी चोट आई है, और तुरंत ऑपरेशन कर सिलाई करनी पड़ी। उनकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
सड़क पर बेतहाशा दौड़ती SUV बनी हादसे की वजह?
स्थानीय लोगों की मानें तो जिस जगह यह हादसा हुआ, वहां आए दिन वाहन तेज रफ्तार से गुजरते हैं। कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं, कोई स्पीड ब्रेकर नहीं। दुर्घटना के वक्त भी एक तेज रफ्तार SUV वहां से गुज़री थी, और आशंका जताई जा रही है कि वही कार गणेश राय को रौंदती हुई निकली।
अब सवाल उठता है — अगर यह इलाका धार्मिक स्थल के पास है, जहां रोज लोग आते-जाते हैं, तो प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम क्यों नहीं किए?
दूसरा हादसा: जामताड़ा का युवक बना लापरवाही का शिकार
इसी दिन केंदुआ से कुछ दूरी पर जामताड़ा निवासी मिथुन हेंब्रम (20 वर्ष) भी एक दर्दनाक हादसे का शिकार हुआ। मिथुन अपने दोस्त कदिया सोरेन के साथ बाइक पर सवार होकर कोरजोड़ी में अपनी नानी के घर जा रहा था। सफर अभी पूरा भी नहीं हुआ था कि अचानक एक तेज रफ्तार काली SUV ने उन्हें टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मिथुन का चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया। उसके चेहरे पर तीन टांके लगाए गए हैं। गनीमत यह रही कि उसके दोस्त कदिया को हल्की चोटें आईं। हादसे के बाद आसपास के लोगों ने तुरंत परिजनों को सूचना दी और उसे भी एसएनएमएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया।
हादसों का इतिहास: धनबाद की सड़कों पर क्यों बढ़ रहे हादसे?
धनबाद, जो कभी सिर्फ कोयला खदानों के लिए जाना जाता था, अब सड़क दुर्घटनाओं का गढ़ बनता जा रहा है। पिछले साल के आंकड़ों के अनुसार, जिले में औसतन हर सप्ताह 3 से 4 सड़क हादसे हो रहे हैं, जिनमें कई जानलेवा साबित होते हैं।
इनमें से अधिकतर हादसे तेज रफ्तार, ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और लापरवाही के कारण होते हैं।
स्थानीय जनता का आक्रोश: जिम्मेदारी किसकी?
दोनों हादसों के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा है। उनका कहना है कि लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद प्रशासन की नींद नहीं टूट रही। न तो सड़क पर स्पीड कंट्रोल के उपाय हैं और न ही किसी प्रकार की पेट्रोलिंग।
वहीं पीड़ित परिवार अब न्याय और सुरक्षा की उम्मीद में बैठा है। खासकर गणेश राय का परिवार जो अभी तक मुंडन की पूजा में खुश था, अब अस्पताल की बेंचों पर बेसुध बैठा है।
हमारी सड़कों पर जान की कीमत कितनी?
गणेश राय और मिथुन हेंब्रम की कहानी सिर्फ दो नामों की नहीं है, बल्कि यह हज़ारों आम लोगों की हकीकत है, जो हर दिन इन सड़कों पर सफर करते हैं। उनके पास न तो कोई विशेष सुरक्षा है, न ही कोई सहारा। बस एक उम्मीद है – कि अगला मोड़ सुरक्षित हो।
What's Your Reaction?






