Jamshedpur Celebration: रंगरेटा महासभा का दो दिवसीय शहीदी दिहाड़ा, गुरुओं के बलिदान को करेगी यादगार
जमशेदपुर में 21-22 दिसंबर को रंगरेटा महासभा द्वारा आयोजित शहीदी दिहाड़ा, बाबा जीवन सिंह और साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए धार्मिक कार्यक्रम और अटूट लंगर का आयोजन।
जमशेदपुर: हर वर्ष की तरह इस बार भी रंगरेटा महासभा, झारखंड द्वारा दो दिवसीय शहीदी दिहाड़ा का भव्य आयोजन 21 और 22 दिसंबर को एग्रीको ट्रांसपोर्ट मैदान में किया जाएगा। यह आयोजन शहीद बाबा जीवन सिंह और उनके चार साहिबजादों के बलिदान की स्मृति में आयोजित किया जाता है।
इस अवसर पर गुरु के कथावाचन, गुरु कीर्तन और कई अन्य धार्मिक कार्यक्रम होंगे, जो युवाओं को गुरु के बलिदान और उनके जीवन मूल्यों से प्रेरित करेंगे। आयोजन के दोनों दिन गुरु का अटूट लंगर भी जारी रहेगा।
गुरुओं के बलिदान का इतिहास
शहीदी दिहाड़ा सिख धर्म के उन महान बलिदानों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। शहीद बाबा जीवन सिंह, जो पहले लखनूर सिंह के नाम से जाने जाते थे, गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रति अटूट निष्ठा और साहस के प्रतीक थे। उनके जीवन का सबसे बड़ा उदाहरण गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों के अंतिम संस्कार का प्रबंध करना है, जो धर्म की रक्षा में शहीद हुए।
आयोजन की विशेषताएं
रंगरेटा महासभा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।
- गुरु का कथावाचन: गुरु गोबिंद सिंह और उनके साहिबजादों की कहानियों के माध्यम से बलिदान की शिक्षा।
- गुरु कीर्तन: भक्ति संगीत के जरिए गुरुओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त की जाएगी।
- अटूट लंगर: आयोजन के दोनों दिन सभी के लिए नि:शुल्क लंगर की व्यवस्था।
- युवाओं के लिए संदेश: कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को गुरुओं के जीवन से प्रेरित करना और उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है।
धार्मिक शिक्षा और प्रेरणा का केंद्र
शहीदी दिहाड़ा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सिख समुदाय और समाज के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का केंद्र है। यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि धर्म, साहस, और सत्य की रक्षा के लिए क्या बलिदान दिए जा सकते हैं।
रंगरेटा महासभा का योगदान
रंगरेटा महासभा का उद्देश्य गुरुओं के बलिदान और उनके जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाना है। महासभा के सदस्यों ने बताया कि हर साल इस आयोजन को और भी भव्य बनाने का प्रयास किया जाता है ताकि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ सकें।
आयोजन स्थल और समय
- स्थान: एग्रीको ट्रांसपोर्ट मैदान, जमशेदपुर
- तारीख: 21 और 22 दिसंबर
- मुख्य कार्यक्रम: सुबह 10 बजे से
गुरु की शिक्षा से सीखने का अवसर
इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी लोग न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव से लाभान्वित होंगे, बल्कि गुरु गोबिंद सिंह और उनके साहिबजादों के बलिदान को करीब से समझने का भी अवसर प्राप्त करेंगे।
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