Ranchi Scam Exposed: JPSC भर्ती में बड़े खेल का खुलासा, 49 चयनितों ने पार की नियमों की हदें!

जेपीएससी भर्ती घोटाले में 47 अफसरों समेत 74 को समन जारी। 64 चयनित अभ्यर्थियों में से 49 ने नियमों को किया दरकिनार। पढ़ें झारखंड के सबसे बड़े प्रशासनिक घोटाले की पूरी कहानी।

Jan 25, 2025 - 09:48
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Ranchi Scam Exposed: JPSC भर्ती में बड़े खेल का खुलासा, 49 चयनितों ने पार की नियमों की हदें!
Ranchi Scam Exposed: JPSC भर्ती में बड़े खेल का खुलासा, 49 चयनितों ने पार की नियमों की हदें!

रांची: झारखंड में जेपीएससी (Jharkhand Public Service Commission) की प्रथम सिविल सेवा भर्ती परीक्षा का घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में 47 अफसरों समेत कुल 74 आरोपियों को समन जारी किया है। यह घोटाला झारखंड की प्रशासनिक भर्ती प्रक्रिया पर गहरा धक्का है।

क्या है मामला?

2002 में जेपीएससी ने अपनी प्रथम संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें 65 डिप्टी कलेक्टर की भर्ती की गई थी। परंतु, जांच में पाया गया कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गईं। प्रारंभिक परीक्षा में जहां केवल 665 अभ्यर्थियों को सफल घोषित करना था, वहां नियमों को ताक पर रखकर 9,488 उम्मीदवारों को पास कर दिया गया। मुख्य परीक्षा में 196 सीटों के मुकाबले 246 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया।

इतिहास का काला पन्ना

जेपीएससी के इस भर्ती घोटाले ने झारखंड के प्रशासनिक इतिहास को दागदार कर दिया। उस समय के जेपीएससी अध्यक्ष डॉ. दिलीप प्रसाद समेत कई बड़े नाम इस घोटाले में शामिल पाए गए। सीबीआई ने 12 साल बाद इस मामले में चार्जशीट दाखिल की और अब अदालत ने समन जारी कर इन सभी आरोपियों को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

कैसे हुआ घोटाला?

  • नियमों की अनदेखी: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार तीनों स्तरों पर मानकों का उल्लंघन हुआ।
  • उत्तर पुस्तिकाओं में हेरफेर: उत्तर पुस्तिकाओं में कटिंग और ओवरराइटिंग के साथ-साथ परीक्षकों की नियुक्ति में भी अनियमितताएं की गईं।
  • मूल्यांकन में धांधली: उत्तर पुस्तिकाओं को बिना किसी पावती के निजी वाहनों से भेजा गया, जिससे पूरे प्रोसेस पर सवाल खड़े हो गए।

चौंकाने वाले तथ्य

जांच में यह भी सामने आया कि अंतिम रूप से चयनित 64 अभ्यर्थियों में से 49 अभ्यर्थी पीटी (प्रारंभिक परीक्षा) में पास होने के काबिल भी नहीं थे। इसके बावजूद उन्हें सफल घोषित कर दिया गया।

अदालत का रुख

सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर अदालत ने इन आरोपियों को समन जारी किया है। इन पर गंभीर आरोप हैं, जिनमें भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा, भ्रष्टाचार और नियमों का उल्लंघन शामिल है। आरोपियों की सूची में जेपीएससी के अध्यक्ष और सदस्य समेत कई अधिकारी, मूल्यांकनकर्ता और अभ्यर्थी शामिल हैं।

भविष्य पर असर

यह घोटाला झारखंड की प्रशासनिक सेवाओं पर न केवल सवाल खड़े करता है, बल्कि इस प्रकार की घटनाओं ने राज्य में भरोसे को भी कमजोर किया है। इससे सीख लेते हुए वर्तमान प्रशासन और सीबीआई इस मामले को निष्पक्षता से निपटाने की कोशिश कर रही हैं।

इस प्रकार के घोटाले प्रशासनिक व्यवस्थाओं में पारदर्शिता की आवश्यकता को बल देते हैं। उम्मीद है कि इस मामले में सभी दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।

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