राहों के राही: जीवन की यात्रा, यादें और आशा पर एक हिंदी कविता
यह हृदयस्पर्शी हिंदी कविता, "राहों के राही", जीवन के उतार-चढ़ाव, यादों और खुशी की खोज को दर्शाती है। यह हमारी यात्रा के सार, हमारे द्वारा बनाए गए बंधनों और हमें आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन करने वाले लचीलेपन को खूबसूरती से दर्शाता है।
राहों के राही
राहों के राही से राहें परायी हो गईं
मन की जो इच्छाएँ थी, वो परछाई हो गईं।
सपनों के सफर में हम खो गए,
अजनबी बनकर अपनी दुनिया से पराये हो गए।।
दोस्तों के साथ में बीते वो सुनहरे पल,
अब सिर्फ यादें बनकर रह गईं जल।
मस्ती की वो बातें, अब खामोश हो गईं,
नशे की आदत ने, हमें दूरियाँ सिखा दीं।।
माँ की ममता, अब आँखों में आँसू बनकर बहती है,
बापू की उम्मीदें, अब दर्द में बदलती हैं।
रिश्तों की डोर, अब कमजोर हो गई,
नशे की गलियों में, हमारी पहचान खो गई।।
छोड़ दो ये जंजीरें, जो हमें बांधती हैं,
सच्चे रास्ते चुनो, जो हमें संवारती हैं।
फिर से जी लो वो खुशहाल जिंदगी,
नशा मुक्त जीवन में, पाओ नई उर्जा और शक्ति।।
हर कदम पर अब एक नई सुबह हो,
उम्मीदों की किरणें, हमें फिर से जोड़े।
राहों के राही से, अब हम खुदा के साए हों,
सपनों के सफर में, अपने असली हमसफर पाएं।।
--written By: Dharambir Singh
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