डिजिटल मिराज से अलग होना: सोशल मीडिया के प्रभाव पर एक कविता
डिजिटल मिराज से अलग होना: सोशल मीडिया के प्रभाव पर एक कविता
डिजिटल मिराज से अलग होना: सोशल मीडिया के प्रभाव पर एक कविता
सोशल मीडिया का प्रभाव युवा मन पर भारी,
वास्तविकता से दूर, बन गए सपनों के व्यापारी।
फेसबुक, इंस्टाग्राम में खो गए हैं सब,
लाइक्स और फॉलोअर्स के चक्कर में भूल गए सब।
रातों को जागकर फोन की स्क्रीन देखते हैं,
सच्चाई से दूर, आभासी दुनिया में खोते हैं।
हर पल, हर क्षण, अपडेट की तलाश में रहते,
कभी सुकून से जीने की बात को भूले रहते।
दिखावे की जिंदगी, मन की शांति को हरती,
सोशल मीडिया की लत, खुशियों को दरकिनार करती।
दोस्तों के साथ समय बिताना अब दुर्लभ सा हो गया,
वास्तविक संबंधों की मिठास कहीं खो गया।
सोशल मीडिया के जाल से निकलना है जरूरी,
सच्चे रिश्तों की महक को समझना है जरूरी।
आओ मिलकर, इस आभासी दुनिया से बाहर आएं,
जीवन के असली रंगों को फिर से अपनाएं।
- written by :Dharambir Singh
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