जमशेदपुर के नागरिकों का महामहिम राष्ट्रपति से गुहार: बेटियों के साथ दुष्कर्म पर कठोरतम न्याय की मांग

पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर के नागरिकों ने महामहिम राष्ट्रपति से बेटियों के साथ बढ़ते दुष्कर्मों पर कठोरतम न्यायिक प्रक्रिया लागू करने की मांग की है।

Aug 23, 2024 - 21:16
Aug 23, 2024 - 21:20
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जमशेदपुर के नागरिकों का महामहिम राष्ट्रपति से गुहार: बेटियों के साथ दुष्कर्म पर कठोरतम न्याय की मांग
जमशेदपुर के नागरिकों का महामहिम राष्ट्रपति से गुहार: बेटियों के साथ दुष्कर्म पर कठोरतम न्याय की मांग
जमशेदपुर के नागरिकों का महामहिम राष्ट्रपति से गुहार: बेटियों के साथ दुष्कर्म पर कठोरतम न्याय की मांग
जमशेदपुर के नागरिकों का महामहिम राष्ट्रपति से गुहार: बेटियों के साथ दुष्कर्म पर कठोरतम न्याय की मांग
जमशेदपुर के नागरिकों का महामहिम राष्ट्रपति से गुहार: बेटियों के साथ दुष्कर्म पर कठोरतम न्याय की मांग

सेवा में, 
माननीया महामहिम राष्ट्रपति जी,  
 भारत सरकार, नई दिल्ली.

द्वारा : उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर.

विषय: बेटियों के साथ बढ़ते दुष्कर्मों पर कठोरतम एवं त्वरित निर्णायक न्यायिक प्रक्रिया लागू करने हेतु निवेदन  

महोदया,

       हम, पूर्वी सिंहभूम (झारखंड) के नागरिक, आपको  माता स्वरुप में इस ज्ञापन के माध्यम से यह अवगत कराना चाहते हैं कि आज देश के हर कोने में बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले में भी आए दिन महिलाओं और बच्चियों के साथ छेड़खानी और दमन की घटना प्रकाश में आती हैं.इन घटनाओं ने न केवल हमारी सामाजिक संरचना को झकझोर दिया है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी बेटियां इस देश में सुरक्षित हैं? परिवार वाले डरने लगे हैं बच्चियों को बाहर भेजने से, चाहे वह उच्चतर शिक्षा हो या रोजी-रोजगार के लिए. क्योंकि कोलकाता रेप-मर्डर की शासन पर लगी कालिख मिटी भी नहीं कि महाराष्ट्र का बदलापुर कांड हो गया.कोल्हापुर की नाबालिग से हैवानियत की खबर आ गई. यूपी के मुरादाबाद में महिला नर्स को बंधक बनाकर डाक्टर समेत अन्यों द्वारा रेप किया गया. दिल्ली के चाणक्यपुरी के एक पार्क से भी वैसी ही खबर आ रही है, झारखंड में भी ऐसी घटनायें बढ़ गयी हैं. दुमका में रोंगटे खड़े करने वाली घटना आपको स्मरण होगा जहाँ एक बच्ची को उसके घर में जब वह सोयी हुई थी आग लगा कर जला दिया था ऐसे हैवानों ने । यह एक तरह से अंतहीन सिलसिला चल पड़ा है. कितनों का जिक्र किया जाए. एक मां के रूप में आपको हम अपने शहरवासियों की पीड़ा क्या बताएं, आप स्वयं देख रही हैं कि  देश में हर रोज लगभग 90 दुष्कर्म के मामले दर्ज हो रहे हैं. आखिर कहां जा रहा है हमारा समाज और कहां सो रहा है हमारा तंत्र! 
हर दिन अखबारों और समाचार चैनलों में बेटियों के साथ हो रहे दुराचार और अन्य प्रकार से अत्याचारों की खबरें दिल को झकझोर रही हैं। परंतु, सबसे अधिक आक्रोश तब उत्पन्न होता है जब ऐसे घृणित अपराधियों को सत्ता और सरकारों के तंत्र द्वारा बचाने के प्रयास किए जाते हैं। यह केवल न्याय का अपमान नहीं, बल्कि मानवता को मर्माहत करने वाली स्थिति और सभ्यता पर कलंक है। 

अवसाद और आश्चर्य तो तब होता है जब राजधर्म निभाने वाले ही ऐसे कांडों पर पर्दा डालने का प्रयास करने लगते हैं. कोलकाता जैसा कांड होने पर लगता है कि यह व्यक्ति विशेष का नहीं अपितु सांस्थानिक अपराध हो रहा है.यहां सजा देने-दिलाने वाले प्राधिकार ही कठघरे में नजर आते हैं. आज हमारी सबसे बड़ी चिंता यह है कि न्याय प्रक्रिया इतनी धीमी क्यों है? क्यों इन दोषियों को सालों-साल तक कानून के दांव-पेंचों में उलझा कर रखने का मौका मिल जाता है? पीड़िताओं को न्याय न मिलना, समाज के लिए एक अक्षम्य अपराध है। ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने की व्यवस्था की जाए, वह भी तय समय सीमा के भीतर. अपराध होना बड़ी बात नहीं है, बड़ी बात बार-बार होना और अपराधियों में तंत्र का खौफ नहीं होना है. बेशक कानून सख्त से सख्त बनाए गए हैं लेकिन उनका क्रियान्वयन तय समय सीमा के भीतर नहीं होने से अपराधी बेखौफ होते जा रहे हैं. हम चाहते हैं कि कानून के प्रति आमजन का भरोसा बना रहे. इसलिए महामहिम से त्वरित हस्तक्षेप की मांग करते हैं.

हमारी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

1. ऐसे जघन्य अपराधों के लिए विशेष फास्ट-ट्रैक अदालतों का गठन किया जाए  जो दैनंदिन  सुनवाई करे और न्यूनतम समय में  फैसला सुनाएऔर इस फैसले का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो.
2. दोष सिद्ध होने पर दोषियों को निर्धारित समय सीमा के अंदर फांसी की सज़ा दी जाए।
3. पीड़िताओं और उनके परिवारों को  सुरक्षा प्रदान की जाए।
4. सरकार द्वारा बलात्कार पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए विशेष योजनाओं का प्रावधान किया जाए।
5. अपराधियों को बचाने में शामिल किसी भी अधिकारी या राजनेता पर सख्त कार्रवाई की जाए।
6. हम पूर्वी सिंहभूम के निवासियों के लिए हमारे घर की महिलाओं, बहन, बेटियों की सड़क पर सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए जाएं जिसके लिए हमारी संस्था नमन शहीदों के सपनों को... द्वारा उपायुक्त महोदय, पूर्वी सिंहभूम को अपना सुझाव अलग से प्रेषित किया जाएगा.

माननीय राष्ट्रपति जी, हम आपसे विनम्र निवेदन करते हैं कि इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए कठोर कदम उठाएं। न्याय में देरी अन्याय होता है. हम चाहते हैं कि हमारी बेटियों के साथ न्याय हो ताकि उन्हें भविष्य में एक सुरक्षित वातावरण मिल सके और भारतवर्ष की सभ्यता निष्कलंकित बची रहे.

हमारा विश्वास है कि आपके नेतृत्व में यह देश ऐसी चुनौतियों का सामना कर सकेगा और एक सकारात्मक बदलाव की ओर अग्रसर होगा।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।