जमशेदपुर में नमन शहीदों के सपनों द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर आक्रोश रैली, सैकड़ों ने उठाई न्याय की मांग
जमशेदपुर में नमन शहीदों के सपनों द्वारा महिला सुरक्षा को लेकर आक्रोश रैली आयोजित की गई। सैकड़ों लोगों ने भाग लिया, न्याय की मांग उठाई और दोषियों को सख्त सज़ा की अपील की।
नमन शहीदों के सपनों... द्वारा आज सायं आहूत आक्रोश रैली सफलतापूर्वक संपन्न हुई. कोलकाता में महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या समेत मुंबई, उत्तरप्रदेश आदि प्रांतों में हो रही ऐसी दुष्कर्म वाली घटनाओं को लेकर नमन ने इसका आह्वान किया था. रैली जे एन ए सी गोल चक्कर पर शाम 4. 30 बजे एकत्रित होकर पैदल आरम्भ हुई जो बेहद अनुशासित ढंग से वसंत सिनेमा शहीद चौक, साकची गोल चक्कर, बंगाल क्लब चौक होते हुए डी सी ऑफिस लगभग 45 मिनट में पहुंची. यात्रा में बेटियों के साथ दुराचार पर आक्रोश जनक विभिन्न गगनभेदी नारे लग रहे थे जिनमें वी वांट जस्टिस, बलात्कारियों को फांसी दो, सभी राज्य सरकारें होश में आओ, बेटियों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, आदि उल्लेखनीय हैं.डी सी ऑफिस गेट पर नमन के संस्थापक अमर प्रीत सिंह काले के सम्बोधन के उपरांत नमन की ओर से उनके नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित एक ज्ञापन डी सी द्वारा प्रतिनियुक्ति कार्यपालक दं डाधिकारी सह निदेशक डी आर डी ए मृत्युंजय कुमार को दिया गया. ज्ञापन की प्रति प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, झारखण्ड के राजयपाल, मुख्यमंत्री और उपायुक्त को भी सौंपी गयी. ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में श्री काले के अलावा डॉ पी के दूबे, एस एस रज्जी, भगवान सिंह, शैलेन्द्र सिंह, निशान सिंह,एंजेला उपाध्याय, डॉ अनीता शर्मा, बृज भूषण सिंह, जय प्रकाश राय, राजकिशोर सिंह, राघवेद्र शर्मा, निक्कू सिंह आदि थे |
इस विरोध प्रदर्शन में शहर के विभिन्न सामाजिक संगठन के साथ साथ छात्र-छात्राओं, पत्रकारों, युवाओं, महिलाओं, व्यावसायिक वर्ग के लोगों ने और समाजसेवियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इस दौरान क्या अगला शिकार आप?, खामोशी तोड़ो अन्याय रोको, चुप रहना अपराध है, वी वांट जस्टिस, बोलने का वक्त है सहने का नहीं, बेटी की आंसू का जवाब चाहिए, मां के दर्द का हिसाब चाहिए जैसे अनेकों नारों की तख्तियां लेकर लोगों ने भागीदारी निभाई जो इस बात का संकेत है कि समाज अब और चुप नहीं बैठ सकता।
नमन के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन सरकार और ख़ासकर लोगों को इस बात के लिए जगाने हेतु किया गया कि महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और दोषियों को शीघ्र न्याय मिले। नमन ने इस प्रदर्शन के दौरान बलात्कार पीड़िताओं के प्रति संवेदना व्यक्त की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
इस आक्रोश मार्च में वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. के. पी. दुबे, अरका जैन वी. सी. डॉ. एस. एस. रज्जी, वरिष्ठ महिला समाजसेवी श्रीमती एंजल उपाध्याय, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व पी. पी. जयप्रकाश , सिंहभूम चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के राजीव अग्रवाल, अवकाश प्राप्त डी. एस. पी सरयू पासवान, सी. जी. पी. सी प्रधान भगवान सिंह, प्रमुख झारखंड गुरुद्वारा सरदार शैलेंद्र सिंह, साकची गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान निशान सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, जम्बू अखाड़ा के बंटी सिंह, संपादक बृजभूषण सिंह, संपादक जयप्रकाश राय, लेडी मेडिकल अफसर डॉ. अपराजिता सिंह, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के वरुण कुमार, राजेश पांडे समेत उनके अनगिनत प्रतिनिधि, प्रधानाध्यापिका डॉ. अनीता शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता, अंतरा बोस, उद्योगपति शंकर लाल सिंघल, ब्रह्मर्षि समाज के राज किशोर सिंह, सिख स्टूडेंट फेडरेशन के सतनाम सिंह गंभीर, महिला समाज की अपूर्वा बोस, वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी के हरि सिंह, क्रीड़ा भारती के राजीव सिंह, सिख समाज के महेंद्र पाल सिंह, इंद्रजीत सिंह, सहित अन्य कई गणमान्य, सैकड़ों महिलाएं एवं युवा शामिल हुए।
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