Jharkhand Crime News: लातेहार में उग्रवादियों का हमला – 5 हाईवा ट्रक जलाए, 20 राउंड फायरिंग!
लातेहार में उग्रवादियों द्वारा पांच हाईवा ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया। झारखंड प्रस्तुत कमेटी (जेपीसी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। पुलिस जांच कर रही है।
लातेहार जिले के हेरहंज थाना क्षेत्र में मंगलवार रात को एक भयावह घटना सामने आई। उग्रवादियों ने डीवीसी द्वारा संचालित तुबेद कोल माइंस से कोयला ले जा रहे पांच हाईवा ट्रकों को आग के हवाले कर दिया। यह हमला उस समय हुआ जब ट्रक लात जंगल के पास से गुजर रहे थे। इस दौरान उग्रवादियों ने 15 से 20 राउंड गोली भी चलाई, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। पूरी घटना को लेकर झारखंड प्रस्तुत कमेटी (जेपीसी) नामक उग्रवादी संगठन ने पर्चा छोड़कर जिम्मेदारी ली है।
उग्रवादियों ने कैसे किया हमला?
रात के अंधेरे में 10-12 अपराधी हथियारों से लैस होकर हाईवा ट्रकों के पास पहुंचे। उन्होंने ट्रकों को आग लगा दी और उसके बाद चालकों के साथ मारपीट की। उग्रवादियों ने ट्रकों को पूरी तरह से जलाकर नष्ट कर दिया। यह पूरी घटना चौंकाने वाली है, क्योंकि इससे पहले झारखंड के इस इलाके में इस तरह की बड़ी घटना नहीं देखी गई थी।
उग्रवादियों ने इलाके में आतंक फैलाने के लिए गोलीबारी भी की। लगभग 15 से 20 राउंड गोली चलाई गई, जिससे पास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस तरह की गोलीबारी से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया और वे डर के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकले।
घटनास्थल पर पर्चा छोड़कर जिम्मेदारी ली
उग्रवादियों ने घटनास्थल पर एक पर्चा छोड़ा जिसमें उन्होंने इस हमले की जिम्मेदारी ली। पर्चे में झारखंड प्रस्तुत कमेटी (जेपीसी) ने साफ तौर पर कहा कि यह हमला उनका था। इसके साथ ही उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों को भी स्पष्ट किया है। यह पर्चा उग्रवादी संगठन के इस इलाके में बढ़ते प्रभाव और उनकी सक्रियता को दर्शाता है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले ही उग्रवादी फरार हो चुके थे। पुलिस ने बताया कि यह हमला उग्रवादियों द्वारा कोयला ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगाने और अपनी शक्ति को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से किया गया था। अब पुलिस अपराधियों की पहचान और उनके पीछे की साजिश को उजागर करने के लिए जांच कर रही है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। लातेहार पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। साथ ही, पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
झारखंड के उग्रवादी आंदोलन का इतिहास
झारखंड में उग्रवाद की समस्या दशकों पुरानी है। खासकर आदिवासी क्षेत्रों में उग्रवादी संगठनों की गतिविधियां अक्सर देखने को मिलती हैं। इन उग्रवादी संगठनों का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार और सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसा के जरिए अपनी राजनीतिक और सामाजिक मांगों को माने जाने की कोशिश करना है।
लातेहार जैसे जिले में उग्रवादी समूहों का प्रभाव अधिक है, जहां उनका यह मानना है कि राज्य सरकार द्वारा उनके आदिवासी समुदाय के हितों की अनदेखी की जा रही है। ऐसे में इस प्रकार की हिंसक घटनाएं न केवल स्थानीय सुरक्षा को चुनौती देती हैं बल्कि राज्य के कानून-व्यवस्था के तंत्र को भी प्रभावित करती हैं।
उग्रवादी संगठन की रणनीतियाँ
झारखंड प्रस्तुत कमेटी (जेपीसी) जैसे संगठन उग्रवाद की ताकत का अहसास कराते हैं और अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए इस तरह के हमलों का सहारा लेते हैं। इनका उद्देश्य सिर्फ सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाना नहीं है, बल्कि स्थानीय लोगों को डराने-धमकाने के जरिए अपना दबाव बनाना भी है।
लातेहार में हुए इस उग्रवादी हमले ने राज्य और स्थानीय प्रशासन के लिए एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था की सख्त जरूरत को सामने लाया है। यह घटना न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक बड़ा संदेश है कि उग्रवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है। वहीं, पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने की कोशिश में जुटी है ताकि इस तरह की हिंसा को रोका जा सके।
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