Mauganj Conflict: विधायक ने जेसीबी से तोड़ी दीवार, फिर मच गया हंगामा – जानें पूरी कहानी!

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में अतिक्रमण हटाने के लिए विधायक प्रदीप पटेल ने जेसीबी से दीवार तोड़ने की कोशिश की, जिससे पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। जानें क्या हुआ इस हिंसक संघर्ष में!

Nov 20, 2024 - 10:43
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Mauganj Conflict: विधायक ने जेसीबी से तोड़ी दीवार, फिर मच गया हंगामा – जानें पूरी कहानी!
Mauganj Conflict: विधायक ने जेसीबी से तोड़ी दीवार, फिर मच गया हंगामा – जानें पूरी कहानी!

मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले के खटखरी चौकी क्षेत्र में महादेवन मंदिर से लगी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने को लेकर मंगलवार शाम दो पक्षों के बीच हिंसक संघर्ष हो गया। इस विवाद ने जलती हुई आग और पथराव की घटनाओं को जन्म दिया, जिसमें चार लोग घायल हो गए। इस संघर्ष के बाद मऊगंज प्रशासन ने इलाके में धारा 163 (पूर्व में 144) लागू कर दी और विधायक प्रदीप पटेल को हिरासत में लेकर रीवा भेजा।

क्या था विवाद का कारण?

मऊगंज में महादेवन मंदिर से जुड़ी ज़मीन पर लंबे समय से अतिक्रमण किया जा रहा था। इस मामले को लेकर हिंदूवादी नेता संतोष तिवारी पिछले तीन दिनों से धरना और भूख हड़ताल कर रहे थे। उनका मुख्य उद्देश्य मंदिर की ज़मीन को अतिक्रमण मुक्त कराना था। इस धरने में मऊगंज भाजपा विधायक प्रदीप पटेल भी शामिल हुए।

लेकिन इस बार मामला और गरमा गया जब विधायक पटेल ने अपने समर्थकों के साथ जेसीबी मशीन का इस्तेमाल करते हुए दीवार तोड़ने की कोशिश की। विधायक के जेसीबी से दीवार तोड़ने की कार्रवाई के बाद स्थिति और भी बिगड़ गई और अतिक्रमणकारियों के बीच झड़प हो गई।

जेसीबी से दीवार तोड़ने की कोशिश, फिर मचा बवाल!

मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल की इस कार्रवाई ने इलाके में हिंसा को जन्म दिया। जेसीबी से दीवार तोड़ने की कोशिश के दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया। इस झड़प में चार लोग घायल हो गए, जिनमें तीन को गंभीर चोटें आईं, जबकि एक व्यक्ति को मामूली चोटें आईं। इस घटना के बाद पुलिस ने तत्काल स्थिति पर काबू पाने के लिए वज्र वाहन और बल को घटनास्थल पर तैनात कर दिया।

क्या था विधायक का तर्क?

विधायक प्रदीप पटेल ने कहा कि तीन महीने से अधिक समय हो चुका था, लेकिन प्रशासन ने मंदिर की ज़मीन पर अतिक्रमण हटाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जुलाई में कोर्ट का स्टे आदेश देने के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते उन्हें जेसीबी से दीवार तोड़ने का निर्णय लेना पड़ा।

क्या बोले प्रशासनिक अधिकारी?

इस घटनाक्रम पर मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और एसपी रसना ठाकुर ने बयान जारी किया। कलेक्टर श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामला महादेवन मंदिर की ज़मीन के अतिक्रमण से जुड़ा हुआ है और विधायक प्रदीप पटेल के नेतृत्व में उनके समर्थक इस मुद्दे पर मौके पर पहुंचे थे। कलेक्टर ने पुष्टि की कि इस झड़प में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि एक व्यक्ति को हल्की चोटें आईं।

निषेधाज्ञा लागू, स्थिति नियंत्रण में

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मऊगंज प्रशासन ने इलाके में धारा 163 लागू कर दी है, जिससे इस तरह की हिंसक घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस और प्रशासन का कहना है कि वर्तमान में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और अब किसी भी तरह की अराजकता को बढ़ने नहीं दिया जाएगा।

अतिक्रमण के खिलाफ राजनीति और प्रशासन का संघर्ष

यह पूरी घटना यह दर्शाती है कि अतिक्रमण को लेकर राजनीति और प्रशासन के बीच लगातार टकराव बढ़ रहा है। विधायक प्रदीप पटेल ने जिला प्रशासन पर दबाव डालने की कोशिश की, जबकि प्रशासन अपने तरीके से स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है। इस बीच, यह सवाल भी उठता है कि क्या राजनीतिक दलों के दबाव के कारण प्रशासन उचित समय पर कार्रवाई कर पाएगा या नहीं।

अगला कदम: क्या होगा भविष्य में?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मऊगंज प्रशासन और स्थानीय पुलिस इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं। क्या प्रशासन इस अतिक्रमण को जल्द ही हटाने में सफल होगा, या यह विवाद और बढ़ेगा?

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