Jharkhand Assembly Reorganization: झारखंड विधानसभा में 25 समितियों का पुनर्गठन, जानें किसे मिली कौन-सी जिम्मेदारी

झारखंड विधानसभा में 25 समितियों का पुनर्गठन, कल्पना सोरेन को महिला एवं बाल विकास और मनोज यादव को लोकलेखा समिति की जिम्मेदारी। जानें, किन्हें मिली कौन-सी भूमिका।

Jan 18, 2025 - 18:45
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Jharkhand Assembly Reorganization: झारखंड विधानसभा में 25 समितियों का पुनर्गठन, जानें किसे मिली कौन-सी जिम्मेदारी
Jharkhand Assembly Reorganization: झारखंड विधानसभा में 25 समितियों का पुनर्गठन, जानें किसे मिली कौन-सी जिम्मेदारी

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबिंद्रनाथ महतो ने 25 समितियों का पुनर्गठन कर नया राजनीतिक समीकरण तैयार किया है। इन समितियों में सभापति और सदस्यों के नामों की अधिसूचना जारी कर दी गई है, जो विधानसभा में विभिन्न क्षेत्रों पर फोकस करेगी।

महिला विकास में कल्पना सोरेन को बड़ी जिम्मेदारी

गांडेय से झामुमो की विधायक कल्पना सोरेन को महिला एवं बाल विकास समिति का सभापति बनाया गया है। यह समिति झारखंड में महिलाओं और बच्चों के विकास से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

लोकलेखा समिति का नेतृत्व भाजपा के मनोज यादव को

बरही से भाजपा विधायक मनोज यादव को लोकलेखा समिति की जिम्मेदारी दी गई है। यह समिति सरकारी खर्च और वित्तीय अनियमितताओं पर निगरानी रखती है।

अन्य प्रमुख समितियों में नया नेतृत्व

इसके अतिरिक्त, झारखंड विधानसभा के अन्य प्रमुख समितियों के लिए भी अध्यक्षों का चयन किया गया है:

  • सत्येंद्र नाथ तिवारी (गढ़वा, भाजपा) – सामान्य प्रयोजन समिति
  • हेमलाल मुर्मू (लिट्टीपाड़ा, झामुमो) – प्राक्कलन समिति
  • निरल पूर्ति (मझगांव, झामुमो) – सरकारी उपक्रम समिति
  • अरूप चटर्जी (निरसा, माले) – सरकारी आश्वासन समिति
  • बसंत सोरेन (दुमका, झामुमो) – प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति

विधानसभा अध्यक्ष की भूमिकाएं

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबिंद्रनाथ महतो तीन प्रमुख समितियों - विशेषाधिकार समिति, नियम समिति और याचिका समिति - के सभापति होंगे।

ऐतिहासिक संदर्भ में समितियों का महत्व

झारखंड में समितियों की यह परंपरा राज्य के विकास की नींव मानी जाती है। 2000 में राज्य गठन के बाद से ही विधानसभा की समितियां विभिन्न विभागों के कार्यों पर नजर रखती हैं। यह समितियां राज्य सरकार की नीतियों को पारदर्शी और प्रभावी बनाने में सहायक होती हैं।

विभिन्न क्षेत्रों पर फोकस करने वाली समितियां

अधिसूचना में अन्य प्रमुख समितियों और उनके अध्यक्षों के नाम भी शामिल हैं:

  • रामेश्वर उरांव (लोहरदगा, कांग्रेस) – आंतरिक संसाधन एवं केंद्रीय सहायता समिति
  • स्टीफन मरांडी (महेशपुर) – अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति
  • सविता महतो (ईचागढ़, झामुमो) – युवा कल्याण, संस्कृति एवं पर्यटन विकास समिति

समितियों के माध्यम से झारखंड की दिशा और दशा

यह समितियां झारखंड के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुद्दों को सुलझाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इनमें पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति, विधायक निधि अनुश्रवण समिति, आवास समिति और खाद्य वितरण समिति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।

क्या है झारखंड विधानसभा समितियों की ताकत?

विधानसभा समितियां लोकतांत्रिक व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा हैं। इनका पुनर्गठन यह दर्शाता है कि झारखंड सरकार नई चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार है।

समिति पुनर्गठन का भविष्य पर असर

इन समितियों के माध्यम से झारखंड सरकार अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकती है। साथ ही, जनता की समस्याओं का समाधान तेजी से होगा।

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