Gorakhpur Distribution: घरौनी प्रमाण पत्र ने बदले ग्रामीणों के दिन, PM मोदी की योजना से साकार हुआ सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वामित्व योजना के तहत गोरखपुर में 125,948 घरौनी प्रमाण पत्र वितरित किए गए। यह योजना ग्रामीणों को कानूनी स्वामित्व देकर आत्मनिर्भर बना रही है।
गोरखपुर। आज का दिन गोरखपुर समेत देश के कई ग्रामीणों के लिए ऐतिहासिक रहा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “स्वामित्व योजना” के तहत 65 लाख संपत्ति कार्ड (घरौनी) वर्चुअल माध्यम से वितरित किए। इस योजना ने ग्रामीणों को उनकी जमीन पर कानूनी अधिकार देकर आर्थिक सशक्तिकरण की नई राह दिखाई।
बाबा गंभीरनाथ सभागार में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में सदर सांसद रवि किशन, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव और कई विधायकों ने 125,948 घरौनी प्रमाण पत्र लाभार्थियों को वितरित किए। मंच से 15 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र सौंपे गए, जबकि अन्य को लेखपालों द्वारा वितरण किया गया।
प्रधानमंत्री का बड़ा कदम: ग्रामीण सशक्तिकरण की ओर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़कर देश के 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थियों से संवाद किया। उन्होंने बताया कि स्वामित्व योजना के माध्यम से 3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण कर 1.53 लाख गांवों में संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। अब तक 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड वितरित किए गए हैं, जो ग्रामीण भारत में सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं।
गोरखपुर का प्रदर्शन: 136,743 घरौनियां तैयार
गोरखपुर जिले में अब तक 136,743 घरौनियां तैयार की गई हैं। इनमें से 10,795 घरौनियां पहले ही वितरित की जा चुकी थीं। आज के कार्यक्रम में 125,948 नई घरौनियां वितरित की गईं। इस उपलब्धि को हासिल करने में प्रशासनिक अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
स्वामित्व योजना: क्या है खास?
स्वामित्व योजना 24 अप्रैल 2020 को शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीणों को उनकी संपत्ति पर कानूनी अधिकार देना है। यह योजना न केवल भूमि विवादों को खत्म करती है, बल्कि ग्रामीणों को बैंक से लोन लेने और भूमि के बेहतर उपयोग का मौका देती है।
इतिहास में दर्ज हुई योजना
देश के भूमि प्रबंधन के इतिहास में स्वामित्व योजना मील का पत्थर साबित हुई है। कोविड-19 महामारी के बावजूद इस योजना की प्रगति में कोई बाधा नहीं आई। 2025 में भारत इस मॉडल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करेगा। मार्च 2025 में भूमि प्रशासन पर अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें 40 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। मई 2025 में भारत विश्व बैंक भूमि प्रशासन सम्मेलन में भी भाग लेगा।
गांवों में विकास की नई किरण
घरौनी प्रमाण पत्र मिलने के बाद ग्रामीण अब अपनी जमीन का उपयोग बैंक से लोन लेने, व्यवसाय शुरू करने और सामाजिक सुरक्षा के लिए कर सकेंगे। यह योजना महिलाओं को उनकी संपत्ति में कानूनी अधिकार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक रही है।
उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों का प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने ड्रोन सर्वेक्षण के लक्ष्यों को 100% पूरा कर एक नई मिसाल पेश की है। हरियाणा और उत्तराखंड ने भी 100% संपत्ति कार्ड तैयार कर अपनी श्रेष्ठता साबित की है। वहीं, महाराष्ट्र और गुजरात ने 98% से अधिक प्रगति की है।
कैसे प्राप्त करें घरौनी प्रमाण पत्र?
स्वामित्व योजना के तहत घरौनी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए ग्राम पंचायत कार्यालय या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर आवेदन करना होता है। इसके लिए आधार कार्ड, भूमि का विवरण, और निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज आवश्यक हैं।
ग्रामीण भारत की बदली तस्वीर
इस योजना ने ग्रामीणों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को सशक्त बनाया है। यह योजना न केवल भूमि विवादों को कम करती है, बल्कि बैंकों से लोन प्राप्त करने में भी सहायक है। साथ ही, यह ग्रामीण समुदायों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है।
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