Jamshedpur Tragedy: मछली पकड़ने गए युवक की पोखारी डैम में डूबने से हुई मौत!
जमशेदपुर के पोखारी डैम में मछली पकड़ने गए युवक की डूबने से मौत, साथियों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन जान नहीं बच सकी। जानिए इस दुखद घटना के बारे में।

क्या कभी मछली पकड़ने का शौक किसी के लिए जानलेवा बन सकता है? जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र के पोखारी डैम में एक दुखद घटना घटित हुई, जिसमें एक युवक ने अपनी जान गंवा दी। 22 वर्षीय बहादुर सिंह देवघर गांव का निवासी था, जो अपने दस दोस्तों के साथ शनिवार को मछली पकड़ने गया था। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए दुख का कारण बनी, बल्कि इसने यह भी सवाल खड़ा किया कि कभी-कभी एक साधारण सा शौक भी कितनी भयंकर दुर्घटना का रूप ले सकता है।
घटना का विवरण
शनिवार को, बहादुर सिंह अपने दोस्तों के साथ पोखारी डैम पर मछली पकड़ने गया था। वह और उसके साथी जाल बिछा रहे थे, तभी अचानक बहादुर का पैर फिसल गया और वह डूब गया। घटनास्थल पर मौजूद उसके दोस्तों ने उसे बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन पानी के तेज बहाव और गहरे पानी के कारण वे उसे नहीं बचा पाए। यह एक सामान्य मछली पकड़ने का दिन था, लेकिन वह दुखद रूप से बदल गया, और बहादुर की जिंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गई।
पुलिस और बचाव कार्य
घटनास्थल पर सूचना मिलने के बाद एमजीएम थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस ने दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बहादुर को पानी से बाहर निकाला और उसे एमजीएम अस्पताल भेजा। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह खबर जैसे ही उसके परिजनों को मिली, उनके लिए यह एक साहसिक और दिल दहला देने वाला पल था, क्योंकि वह उनका सबसे बड़ा बेटा था।
मृतक के परिवार का दुख
बहादुर सिंह का परिवार देवघर गांव में रहता था। उसके भाई राजू सिंह ने बताया कि बहादुर चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था और रोज़ी-रोटी के लिए मजदूरी करता था। उसकी शादी नहीं हुई थी और वह अपने परिवार का मुख्य सहारा था। उसकी अचानक मौत ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है। राजू सिंह और अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था, और वे किसी तरह विश्वास नहीं कर पा रहे थे कि उनका प्रिय सदस्य अब कभी वापस नहीं आएगा।
क्या है पोखारी डैम का इतिहास?
पोखारी डैम, जो जमशेदपुर के प्रमुख जलाशयों में से एक है, अक्सर पर्यटकों और स्थानीय लोगों द्वारा मछली पकड़ने और पिकनिक के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, इसके गहरे पानी और तेज बहाव के कारण यह खतरनाक भी साबित हो सकता है। यह घटना एक चेतावनी है कि इस तरह के जलाशयों में मछली पकड़ने और अन्य गतिविधियां करते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए, खासकर अगर वहां गहरी नदियां और पानी का बहाव हो।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद बहादुर का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई शंका नहीं है, और यह एक दुर्घटनावश हुआ हादसा था। हालांकि, इस घटना ने मछली पकड़ने के दौरान सतर्कता और सावधानी बरतने की आवश्यकता को और भी प्रमुख बना दिया है।
क्या हम कभी सुरक्षित रह सकते हैं?
यह दुखद घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि साधारण शौक भी कभी खतरनाक साबित हो सकते हैं। मछली पकड़ने जैसे सामान्य गतिविधियों को करते समय हमेशा सुरक्षा उपायों का ध्यान रखना चाहिए। खासकर जब हम किसी जलाशय या नदी में जाते हैं, तो हमें हर स्थिति में सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। कभी भी हल्के में न लें। यदि बहादुर और उसके दोस्तों ने पहले सतर्कता बरती होती, तो शायद यह घटना नहीं घटती।
बहादुर सिंह की अचानक मौत ने न केवल उसके परिवार को तोड़ा, बल्कि पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। इस घटना से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन के किसी भी पहलू में लापरवाही का परिणाम बेहद भयानक हो सकता है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया, और जांच जारी है। हमें उम्मीद है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए और अधिक सावधानी बरती जाएगी, और इस तरह के खतरों से संबंधित जागरूकता को बढ़ाया जाएगा।
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