Jamshedpur Tusu Mela Events: विराट टुसू मेला 21 जनवरी को, जानिए किसे मिलेंगे बडे़ पुरस्कार और क्या हैं इस बार के खास आकर्षण!
झारखंड के विराट टुसू मेला में इस बार मिलेगा शानदार पुरस्कार! जानिए इस साल के खास आयोजन, इनाम और मेले के अन्य आकर्षणों के बारे में।
झारखंड के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पर्वों में से एक विराट टुसू मेला का आयोजन इस साल भी धूमधाम से होने जा रहा है। 21 जनवरी (मंगलवार) को बिष्टुपुर गोपाल मैदान में होने वाले इस मेले में इस बार खास पुरस्कारों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। झारखंड वासी एकता मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो और संयोजक सह सांसद विद्युत वरण महतो ने इस आयोजन से जुड़े सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी दी। आइए जानते हैं इस साल के विराट टुसू मेले के बारे में और क्या है जो इस बार इसे और भी खास बना रहा है!
विराट टुसू मेला: सांस्कृतिक धरोहर का एक शानदार उत्सव
झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और संजोने के लिए हर साल आयोजित किया जाने वाला विराट टुसू मेला इस बार भी अपने इतिहास को जीवित रखने के लिए तैयार है। इस मेले की शुरुआत वर्ष 2006 में पूर्व सांसद स्व. सुनील महतो ने की थी और तब से लेकर आज तक यह मेला 21 जनवरी को निरंतर आयोजित हो रहा है। इस आयोजन में झारखंड के साथ-साथ ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के कई जिलों से लोग आते हैं और अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों को प्रस्तुत करते हैं।
पुरस्कारों की झड़ी: प्रतिभागियों के लिए शानदार इनाम
इस बार के विराट टुसू मेले में टुसू प्रतिमा, चौड़ल और बुढ़ी गाड़ी नाच प्रतियोगिता में शानदार पुरस्कार दिए जाएंगे। विशेष तौर पर टुसू प्रतिमा को लेकर इस बार आयोजक समिति ने 15 पुरस्कारों का ऐलान किया है। जिनमें प्रमुख रूप से टुसू प्रतिमा के लिए कुल 31 हजार रुपये का पहला पुरस्कार, 25 हजार रुपये का दूसरा पुरस्कार, और अन्य कई आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। इसी तरह, चौड़ल और बुढ़ी गाड़ी नाच के लिए भी नकद पुरस्कारों की घोषणा की गई है।
टुसू मेले की यह खास बातें क्यों हैं आकर्षक?
विद्युत महतो ने मेला आयोजन के दौरान बताया कि यह मेला सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि यह झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजोने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक तरीका है। उन्होंने राज्य सरकार से टुसू पर्व के दिन तीन दिन की छुट्टी की मांग भी की, ताकि इस पर्व को हर कोई धूमधाम से मना सके। वहीं आस्तिक महतो ने बताया कि पिछले साल लगभग 200 टीमों ने मेला में भाग लिया था और इस बार और अधिक टीमों के आने की उम्मीद है। उन्होंने अन्य समाज के लोगों को भी मेला में आने का आमंत्रण दिया, ताकि वे झारखंड की संस्कृति और कला का अनुभव कर सकें।
सुरक्षा व्यवस्था और अन्य व्यवस्थाएँ:
मेले में आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए इस बार मंच के कार्यकर्ता सक्रिय रूप से कार्य करेंगे। सोनारी स्थित निर्मल भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आयोजकों ने यह भी बताया कि इस साल मेला में आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि सभी लोग आराम से और सुरक्षित तरीके से मेला देख सकें।
इनामों की लिस्ट:
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टुसू प्रतिमा पुरस्कार:
- प्रथम पुरस्कार: 31,000 रुपये
- द्वितीय पुरस्कार: 25,000 रुपये
- तृतीय पुरस्कार: 20,000 रुपये
- चतुर्थ पुरस्कार: 15,000 रुपये
- पंचम पुरस्कार: 11,000 रुपये
- छठा पुरस्कार: 7,000 रुपये
- सातवां पुरस्कार: 5,000 रुपये
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चौड़ल पुरस्कार:
- प्रथम पुरस्कार: 25,000 रुपये
- द्वितीय पुरस्कार: 20,000 रुपये
- तृतीय पुरस्कार: 15,000 रुपये
- चतुर्थ पुरस्कार: 5,000 रुपये
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बुढ़ी गाड़ी नाच पुरस्कार:
- प्रथम पुरस्कार: 15,000 रुपये
- द्वितीय पुरस्कार: 11,000 रुपये
- तृतीय पुरस्कार: 7,000 रुपये
- चतुर्थ पुरस्कार: 5,000 रुपये
झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखना है हमारी जिम्मेदारी
आस्तिक महतो ने विशेष रूप से युवाओं से अपील की कि वे झारखंड की संस्कृति और धरोहर को बचाने और आगे बढ़ाने में योगदान दें। इस पर्व के माध्यम से हम सभी अपनी पारंपरिक संस्कृति को जीवित रख सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को इस अनमोल धरोहर का अनुभव करा सकते हैं।
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