जमशेदपुर। श्री श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर जीर्णोद्धार समिति ने सोमवार को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया, जिसमें बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और महावीर मंदिर न्यास के सचिव रहे दिवंगत आचार्य कुणाल किशोर को याद किया गया। इस मौके पर समिति के सदस्यों और शहर के प्रमुख समाजसेवियों ने उनके व्यक्तित्व, कृतित्व, और समाज के प्रति उनकी सेवाओं पर विचार साझा किए।
जीवन के विविध पहलुओं पर रोशनी
सभा में समिति से जुड़े सदस्य आशुतोष राय ने आचार्य कुणाल किशोर के शिक्षा और अध्यापन के प्रति समर्पण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने पटना के कंकड़बाग स्थित प्रसिद्ध विद्यालय ज्ञान निकेतन का जिक्र किया, जिसे आचार्य जी ने अपने कुशल प्रबंधन और बेहतर शिक्षा प्रणाली के दम पर पूरे राज्य में एक प्रतिष्ठित संस्थान बना दिया।
इसके साथ ही, राय ने बहुचर्चित बॉबी मर्डर केस का उल्लेख किया, जिसमें आचार्य किशोर की विवेकशीलता और नेतृत्व कौशल ने एक जटिल मामले को सुलझाने में मदद की।
आध्यात्मिकता और मंदिर संरक्षण के प्रति उनका योगदान
वरिष्ठ समाजसेवी शिवशंकर सिंह ने आचार्य किशोर के आध्यात्मिक जीवन और मंदिरों के संरक्षण के प्रति उनकी गहरी रुचि पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आचार्य जी न केवल धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय थे, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया।
वक्ताओं ने आचार्य किशोर की संस्थापना की गई विभिन्न उत्कृष्ट संस्थाओं का भी उल्लेख किया। इन संस्थाओं ने न केवल समाज को सशक्त बनाया, बल्कि उनके आदर्शों को जीवित रखने का कार्य किया।
महावीर मंदिर न्यास और उनका योगदान
आचार्य किशोर का नाम महावीर मंदिर न्यास से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। पटना स्थित इस मंदिर को न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी एक मजबूत केंद्र के रूप में स्थापित करने का श्रेय उन्हें जाता है। उन्होंने मंदिर की आय का उपयोग गरीबों के इलाज और शिक्षा के लिए किया, जिससे समाज के वंचित वर्गों को सीधा लाभ मिला।
श्रद्धांजलि सभा में शामिल प्रमुख लोग
सभा में कई गणमान्य लोग उपस्थित थे, जिनमें सुबोध श्रीवास्तव, असीम पाठक, साकेत गौतम, रामनारायण शर्मा, समरेश शुक्ला, अभय सिंह, इंद्रजीत सिंह, गजेन्द्र कुमार, और कई अन्य प्रमुख नाम शामिल थे। सभी ने आचार्य किशोर के विचारों और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
समाज के प्रति उनकी अमूल्य सेवाएँ
वक्ताओं ने यह भी बताया कि आचार्य किशोर ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और आध्यात्मिकता जैसे क्षेत्रों में जो योगदान दिया, वह एक मिसाल है। उन्होंने न केवल संस्थाओं की नींव रखी, बल्कि उन्हें एक मजबूत और अनुकरणीय मॉडल में बदल दिया। उनकी सोच और कार्यशैली आज भी समाज को प्रेरित करती है।
इतिहास में उनकी छवि
आचार्य कुणाल किशोर का नाम भारतीय समाज सुधारकों में सम्मानजनक स्थान रखता है। एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के रूप में उनकी कार्यशैली ने जहां कानून और व्यवस्था में सुधार किया, वहीं एक आध्यात्मिक नेता के रूप में उन्होंने सामाजिक चेतना को नई ऊंचाइयां दीं।
आचार्य किशोर: एक प्रेरणा
इस श्रद्धांजलि सभा ने उनके जीवन और कार्यों को याद करने का अवसर प्रदान किया। यह सभा केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि उनके विचारों और आदर्शों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाया।
जमशेदपुर की यह श्रद्धांजलि सभा इस बात का प्रमाण है कि आचार्य किशोर जैसे महान व्यक्ति न केवल अपने समय के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। उनकी विरासत उनके कार्यों और उनके द्वारा स्थापित संस्थाओं के माध्यम से हमेशा जीवित रहेगी।