क्या पोटका लैम्पस में सरकारी धान बीज की कमी से किसान हो रहे हैं परेशान?

क्या पोटका लैम्पस में सरकारी धान बीज की कमी से किसान हो रहे हैं परेशान?

Jul 5, 2024 - 12:35
Jul 5, 2024 - 12:59
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क्या पोटका लैम्पस में सरकारी धान बीज की कमी से किसान हो रहे हैं परेशान?
Jamshedpur Rural: क्या पोटका लैम्पस में सरकारी धान बीज की कमी से किसान हो रहे हैं परेशान?

पोटका में किसान इन दिनों एक बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं। नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन रांची ने 100 क्विंटल धान बीज उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन अंतिम समय में उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। पोटका लैम्पस ने 30 मई को 2 लाख तीन हजार की राशि का डीडी बनाकर भेज दिया था ताकि यहां के साढ़े तीन हजार किसानों को आसान किस्तों में धान बीज मिल सके।

भाजपा नेता उपेंद्र सिंह सरदार का आरोप

भाजपा नेता उपेंद्र सिंह सरदार ने झारखंड सरकार से इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है, अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है। उनका आरोप है कि राशि जमा होने के बाद भी नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन रांची द्वारा धान बीज उपलब्ध कराने में असमर्थता जताना पूरी तरह से अन्याय संगत है।

पोटका लैम्पस के सचिवों की नाराजगी

पोटका लैम्पस के सचिव खुदी राम बेसरा, आसनबनी लैम्पस के सचिव मनिंदर महतो, और अध्यक्ष विभीषण सरदार ने भी नाराजगी जताई है। उनका आरोप है कि पोटका के धान बीज को कालाबाजारी में खपाया गया है, जिसके कारण डिमांड ड्राफ्ट जमा होने के बाद भी बीज धान नहीं मिली।

किसानों की परेशानी

खेती के वक्त पर पोटका में नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन द्वारा बीज उपलब्ध नहीं कराने से किसानों समेत लैम्पस सचिव सभी हैरान हैं। पोटका प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी राखाल प्रसाद साहू द्वारा लगातार संपर्क किए जाने के बाद भी अब धान आपूर्ति करने वाली रांची की यह संस्था फोन तक नहीं उठा रही है। इस वजह से पोटका के पांच लैम्पस कार्यालय - पोटका, टांगराईन, कोवाली, नारदा, और आसनबनी - धान बीज के इंतजार में रोजाना चक्कर लगा रहे हैं।  इस दौरान जांच की मांग सरकार से की गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर बीज धान क्यों नहीं मिली और इसके पीछे की असल वजह क्या है। धान बीज की कमी के कारण लैम्पस कार्यालयों में उदासी छाई हुई है और किसानों का समय बर्बाद हो रहा है।

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Chandna Keshri चंदना केशरी, जो गणित-विज्ञान में इंटरमीडिएट हैं, स्थानीय खबरों और सामाजिक गतिविधियों में निपुण हैं।