Old Age Home: वृद्धाश्रम में सुविधाओं का औचक निरीक्षण, बुजुर्गों ने बताया "संतोषजनक"

जमशेदपुर के गेरूआ वृद्धाश्रम में अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम शताब्दी मजूमदार ने किया औचक निरीक्षण। बुजुर्गों से संवाद कर सुविधाओं का लिया फीडबैक।

Dec 14, 2024 - 17:49
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Old Age Home: वृद्धाश्रम में सुविधाओं का औचक निरीक्षण, बुजुर्गों ने बताया "संतोषजनक"
Old Age Home: वृद्धाश्रम में सुविधाओं का औचक निरीक्षण, बुजुर्गों ने बताया "संतोषजनक"

जमशेदपुर के एमजीएम थाना क्षेत्र के गेरूआ वृद्धाश्रम में धालभूम की अनुमंडल पदाधिकारी शताब्दी मजूमदार ने औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने वृद्धजनों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं और अनुभवों का फीडबैक लिया।

वृद्धजनों ने बताया कि आश्रम में सभी सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराई जाती हैं, और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती। अनुमंडल पदाधिकारी ने परिसर के हर हिस्से का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश भी दिए।

बुजुर्गों ने की व्यवस्था की सराहना

निरीक्षण के दौरान वृद्धजनों ने आश्रम में उपलब्ध भोजन, नाश्ता और ठंड से बचने के लिए दी जाने वाली सुविधाओं की तारीफ की। बुजुर्गों का कहना था कि यहां उन्हें समय पर पौष्टिक आहार मिलता है और उनके रहने के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है।

ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए हर कमरे में रजाई और कंबल की व्यवस्था की गई है। रसोईघर को साफ-सुथरा पाया गया, और भंडारण गृह में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न मौजूद था।

अनुमंडल पदाधिकारी ने दी विशेष निर्देश

श्रीमती मजूमदार ने वृद्धाश्रम के कमरों और परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने पेयजल की व्यवस्था, सफाई, और भोजन की गुणवत्ता का जायजा लिया। निरीक्षण के बाद उन्होंने वृद्धाश्रम के संचालक को नियमित साफ-सफाई, पौष्टिक आहार और बुजुर्गों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा, "बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं। उनकी देखभाल और सम्मान हमारी जिम्मेदारी है।"

इतिहास में वृद्धाश्रम और बुजुर्गों की भूमिका

वृद्धाश्रम का चलन आधुनिक समाज में बुजुर्गों के लिए एक नई व्यवस्था के रूप में देखा जाता है। भारत में संयुक्त परिवार व्यवस्था का विघटन और व्यस्त जीवनशैली वृद्धाश्रमों की संख्या बढ़ने का कारण बने।

हालांकि, प्राचीन भारत में वृद्धजनों को परिवार का मार्गदर्शक माना जाता था। उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ समाज और परिवार दोनों को मिलता था। आज बदलते समय में वृद्धाश्रम बुजुर्गों को एक सुरक्षित आश्रय प्रदान कर रहे हैं।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी

शताब्दी मजूमदार ने वृद्धजनों से बातचीत के दौरान उनके अनुभवों को साझा किया और उनकी जरूरतों को समझा। उन्होंने कहा कि समाज और प्रशासन दोनों का दायित्व है कि वे बुजुर्गों को सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन प्रदान करें।

इस तरह के निरीक्षण न केवल प्रशासनिक सक्रियता को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि बुजुर्गों को बेहतर सुविधाएं मिलें।

क्या कहते हैं बुजुर्ग?

वृद्धाश्रम में रहने वाले एक बुजुर्ग ने कहा, "यहां हमें घर जैसा माहौल मिलता है। समय पर भोजन, दवा और देखभाल होती है। हमें किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती।"

वहीं, एक अन्य बुजुर्ग ने प्रशासन की इस पहल की सराहना की और कहा कि "सरकार का ध्यान इस ओर लगातार बना रहना चाहिए।"

भविष्य की योजनाएं और सुधार की संभावनाएं

अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि वृद्धाश्रम की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक और सेवाओं को जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि वृद्धजनों के मनोरंजन और उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

आपकी राय क्या है?

वृद्धाश्रमों में बुजुर्गों की देखभाल को बेहतर बनाने के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए? क्या प्रशासन को ऐसी व्यवस्थाओं की निगरानी नियमित रूप से करनी चाहिए?

नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर साझा करें। हमारी पहल: बुजुर्गों का सम्मान, हमारी जिम्मेदारी।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।