Gorakhpur Tragic Incident: खेत की सिंचाई के दौरान करंट लगने से किसान की दर्दनाक मौत

गोरखपुर में खेत की सुरक्षा के लिए लगाए गए बिजली के तार से दर्दनाक हादसा। सिंचाई कर रहे किसान की करंट से हुई मौत। जानें पूरा मामला।

Dec 14, 2024 - 17:34
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Gorakhpur Tragic Incident: खेत की सिंचाई के दौरान करंट लगने से किसान की दर्दनाक मौत
Gorakhpur Tragic Incident: खेत की सिंचाई के दौरान करंट लगने से किसान की दर्दनाक मौत

गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के मजनू चौकी अंतर्गत मटियारी गांव में खेत की सिंचाई कर रहे 48 वर्षीय जुबेर अली की बिजली के तार से सटने के कारण दर्दनाक मौत हो गई। घटना सुबह सात बजे की है, जब जुबेर अली अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे।

यह हादसा तब हुआ, जब खेत के बगल में स्थित धीरेन्द्र सिंह ने अपने खेत को पशुओं से बचाने के लिए चारों ओर बिजली प्रवाहित तार लगा दिया था। यह तार जुबेर अली के खेत के पास फैला हुआ था, और सिंचाई के दौरान जुबेर अली का शरीर उस तार से छू गया।

घटनास्थल पर मचा हड़कंप, पुलिस ने शव को भेजा पोस्टमार्टम के लिए

घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीणों ने मजनू चौकी को इसकी सूचना दी। पुलिस प्रभारी अमित चौधरी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

पुलिस ने बताया कि खेत की सुरक्षा के नाम पर बिजली का ऐसा असुरक्षित उपयोग गंभीर लापरवाही का उदाहरण है। इस हादसे के बाद धीरेन्द्र सिंह और उनका परिवार घटना स्थल से फरार हो गया।

क्या है पूरा मामला?

धीरेन्द्र सिंह ने अपने खेत में खड़ी फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए चारों ओर बिजली के तारों से घेराबंदी कर रखी थी। इस तरह के तार बिना किसी सुरक्षा मानक के लगाए गए थे, जिससे यह घटना घटी।

जुबेर अली, जो कि अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे, अनजाने में उस घातक तार के संपर्क में आ गए। करंट लगने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

ग्रामीणों ने इसे पूरी तरह से धीरेन्द्र सिंह की लापरवाही बताया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

बिजली के तारों से मौत के मामले में बढ़ी घटनाएं

ऐसे हादसे केवल गोरखपुर तक सीमित नहीं हैं। देशभर में फसल को बचाने के लिए लगाए गए बिजली प्रवाहित तारों से मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

  • 2019 में बिहार के पटना जिले में ऐसी ही घटना में 17 वर्षीय लड़के की मौत हुई थी।
  • 2022 में मध्य प्रदेश के एक किसान ने भी आवारा पशुओं को रोकने के लिए ऐसा ही तार लगाया, जिससे दो जानें चली गईं।

सरकार और प्रशासन की ओर से इस तरह की असुरक्षित प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए सख्त नियम बनाए जाने चाहिए।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई, गिरफ्तारी की कोशिश जारी

पुलिस ने इस मामले में धीरेन्द्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है।

पुलिस ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों में आक्रोश, बढ़ी सुरक्षा की मांग

इस घटना के बाद ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि खेतों को बचाने के नाम पर इस तरह के घातक प्रयोग न केवल गैरकानूनी हैं, बल्कि समाज के लिए भी खतरनाक हैं।

एक ग्रामीण ने कहा, "अगर यह घटना रोकने के लिए प्रशासन पहले से सतर्क होता, तो आज जुबेर अली हमारे बीच होते।"

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए बिजली प्रवाहित तार लगाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जानलेवा भी।

उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को ऐसी घटनाओं पर कठोर प्रतिबंध लगाना चाहिए और किसानों को सुरक्षित विकल्प मुहैया कराना चाहिए।

क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन को अधिक सख्ती बरतनी चाहिए? अपनी राय नीचे कमेंट करें।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।