Jamshedpur Accident: बेकाबू बस ने चार कारों को मारी जोरदार टक्कर, देखें हादसे की पूरी दास्तान
जमशेदपुर में गुरुवार सुबह सिक्सर बस का ब्रेक फेल होने से हुए भयंकर हादसे में चार कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। जानिए इस हादसे का पूरा विवरण और घटना के बाद की स्थिति।
जमशेदपुर के मानगो थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जब सिक्सर बस का ब्रेक फेल हो गया और बेकाबू होकर चार कारों को पीछे से टक्कर मारते हुए सड़क के बीचों-बीच रुक गई। यह हादसा मानगो डिमना चौक के समीप हुआ, जहां ब्रेक फेल होने की वजह से बस ने कई वाहनों को अपनी चपेट में लिया, जिससे भारी नुकसान हुआ।
सिक्सर बस का ब्रेक फेल हुआ:
हादसा पश्चिम बंगाल की सिक्सर बस संख्या डब्ल्यूबी55बी6112 के साथ हुआ, जो तेज गति से आ रही थी। अचानक ब्रेक फेल होने के कारण बस चालक नियंत्रण खो बैठा और उसने करीब चार कारों को बुरी तरह से टक्कर मार दी। इस हादसे में चार कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं, जिनमें से दो प्रमुख कारें जेएच05डीयू1144 और जेएच05जी5253 थीं। यह हादसा देख रहे राहगीरों के लिए भी एक चौंकाने वाली घटना साबित हुआ।
कार चालकों का बयान:
हादसे के वक्त एक कार चालक, सतेंद्र कुमार ने बताया कि वह एनएच33 के बिग बाजार के पास अपने घर से टाटा स्टील प्लांट की ओर जा रहे थे। जब वह सड़कों पर जाम में फंसे हुए थे, तभी अचानक पीछे से एक जोरदार झटका महसूस हुआ। सतेंद्र कुमार ने कहा, "मैंने जब पीछे मुड़कर देखा, तो पाया कि एक सिक्सर बस हमारी कार से टकराते हुए अन्य तीन-चार कारों को टक्कर मारते हुए आगे बढ़ी।" इस घटनाक्रम के बाद वहां अफरातफरी का माहौल बन गया, और सभी गाड़ियों के चालक घटना की गंभीरता को महसूस करते हुए त्वरित सहायता के लिए दौड़े।
बस चालक की लापरवाही या तकनीकी खामी?
वर्तमान में यह सवाल उठ रहा है कि क्या बस चालक की लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ या फिर बस के ब्रेक में तकनीकी खामी थी। ब्रेक फेल होने से यह निश्चित रूप से एक बड़े हादसे का कारण बना, लेकिन क्या यह घटना पूरी तरह से चालक की गलती थी या बस की स्थिति में कोई तकनीकी कमी थी? इन सवालों का जवाब तो जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन इस हादसे ने यह स्पष्ट कर दिया कि सड़क पर कोई भी वाहन अपने नियंत्रण से बाहर होने पर कितनी बड़ी तबाही मचा सकता है।
कार क्षतिग्रस्त, नुकसान की भरपाई की मांग:
इस दुर्घटना में कई कारों को गंभीर नुकसान हुआ, और दुर्घटनाग्रस्त कारों के मालिकों ने बस मालिक या चालक से क्षतिग्रस्त कारों की मरम्मत की मांग की है। सतेंद्र कुमार ने कहा, "हम चाहते हैं कि बस मालिक या चालक हमारे नुकसान की भरपाई करें, क्योंकि इस दुर्घटना में हमारी कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।"
जाम और सड़क सुरक्षा पर विचार:
इस घटना के बाद यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या जाम में फंसी गाड़ियों की सुरक्षा के लिए किसी प्रकार का बेहतर प्रबंध किया जा सकता था। एनएच33 और अन्य प्रमुख सड़कों पर बढ़ते जाम और सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के हादसे भविष्य में ना हों। इसके अलावा, यात्री वाहन और बसों के रखरखाव में सुधार लाने की भी जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
इतिहास और सड़क हादसों की बढ़ती संख्या:
भारत में सड़क हादसों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है, और इस तरह की घटनाएं नागरिकों के जीवन को खतरे में डाल देती हैं। 2000 के दशक में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली थी, और अब यह आंकड़ा और बढ़ गया है। सड़क सुरक्षा, वाहन परीक्षण और सड़क पर यातायात प्रबंधन जैसे मुद्दों पर सही समय पर कार्य करने की आवश्यकता है।
जमशेदपुर का यह हादसा न केवल एक गंभीर सुरक्षा चूक को उजागर करता है, बल्कि यह हम सबके लिए एक चेतावनी भी है कि सड़क पर सुरक्षा की सतर्कता और वाहनों का सही रखरखाव कितना जरूरी है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन और संबंधित प्राधिकरण इस हादसे की जांच कैसे करते हैं और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है।
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