Gorakhpur Politics: कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत पर सियासी तूफान, क्या कांग्रेस खड़ी है सही मुद्दे पर?
गोरखपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत ने राजनीति में हलचल मचा दी। कांग्रेस ने पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया, और न्याय की लड़ाई का ऐलान किया। पढ़ें पूरी कहानी।
गोरखपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत ने न केवल उनके परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया, बल्कि इस घटना ने पूरे राज्य में राजनीति का तापमान भी बढ़ा दिया। लखनऊ में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई उनकी संदिग्ध मौत ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ गंभीर सवाल खड़े किए हैं। गुरुवार को जब गोरखपुर के देईपार गांव में प्रभात का अंतिम संस्कार हुआ, तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय श्रद्धांजलि देने पहुंचे और मामले को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत और सरकार की विफलता
अजय राय ने कहा, "यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि यह सरकार की विफलता और पुलिस की बर्बरता का परिणाम है। प्रभात पांडेय कांग्रेस का सच्चा सिपाही था, जिसने अपनी आवाज उठाई और बदले में उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।" अजय राय ने कहा कि यह हत्या नहीं, बल्कि लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने पुलिस को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है और विरोध करने वालों को कुचला जा रहा है।
भाजपा पर आरोप और कांग्रेस की मजबूती का संदेश
अजय राय ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा, "भाजपा के इशारे पर विरोधी आवाजों को दबाया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस डरने वाली नहीं है। यह मौत सिर्फ एक हत्या नहीं है, यह लोकतंत्र के विरोधियों के खिलाफ संघर्ष का हिस्सा है।" उनका कहना था कि कांग्रेस सड़कों पर उतरकर इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेगी, और प्रभात के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देगी।
कांग्रेस की श्रद्धांजलि और विरोध
जब अजय राय चिता की ओर बढ़े, तो कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस दुखद घटना का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। इस पर अजय राय ने कहा, "हम राजनीति करने नहीं, श्रद्धांजलि देने आए हैं। हम भी ब्राह्मण हैं और 24 कैरेट वाले। हम झूठे नहीं हैं। जब भी हमारे कार्यकर्ताओं को जरूरत होगी, अजय राय आधी रात को भी हाजिर मिलेगा।" यह बयान न केवल विरोधियों को शांत करने वाला था, बल्कि यह संदेश भी दे रहा था कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के साथ हर हाल में खड़ी है।
प्रभात के परिवार को मदद का ऐलान
कांग्रेस ने प्रभात पांडेय के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। अजय राय ने कहा, "प्रभात ने पार्टी के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं और न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।"
प्रभात पांडेय: कांग्रेस का युवा चेहरा
प्रभात पांडेय गोरखपुर के देईपार गांव के निवासी थे और कांग्रेस के युवा संगठन में एक सक्रिय सदस्य थे। वे पार्टी के हर आंदोलन और कार्यक्रम में शिरकत करते थे। वे हाल ही में लखनऊ में अपने चाचा के साथ रहकर पढ़ाई कर रहे थे और कंप्यूटर कोर्स कर रहे थे। उनके परिवार का कहना है कि वे कांग्रेस के प्रति समर्पित थे और समाज में बदलाव लाने का सपना रखते थे।
पुलिस और प्रशासन पर कांग्रेस का आरोप
अजय राय ने इस घटना को लेकर पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि यह मौत प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता का परिणाम है। प्रशासन ने उनकी हत्या कराई है, और अब सरकार इस सच्चाई को दबाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कांग्रेस कार्यालय पर छापा मारा और सीसीटीवी फुटेज जब्त किए ताकि घटनाक्रम को दबाया जा सके।
न्याय की लड़ाई और कांग्रेस का संघर्ष
अजय राय ने यह साफ किया कि कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा, "हम हर मंच पर आवाज उठाएंगे। अगर जरूरत पड़ी, तो सड़कों पर उतरकर इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन करेंगे।" कांग्रेस ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए यह वादा किया है कि वह इस मामले में न्याय दिलाने तक चैन से नहीं बैठेगी।
प्रभात पांडेय की मौत ने कांग्रेस को एक नई ऊर्जा दी है। पार्टी अब इस घटना को हर मंच पर उठाएगी और दोषियों को सजा दिलाने तक चैन से नहीं बैठेगी। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की मौत नहीं है, बल्कि यह उस विचारधारा पर हमला है, जो न्याय, समानता और लोकतंत्र की बात करती है। कांग्रेस ने इस घटना को अपनी लड़ाई का आधार बनाते हुए कहा है कि यह संघर्ष केवल शुरुआत है।
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