गालूडीह: आमचुड़िया तालाब में सोने का कलश मिलने का दावा, पूजा के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
गालूडीह के आमचुड़िया तालाब में सोने का कलश मिलने का दावा किया गया है, जिससे आसपास के गांवों से भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा करने के लिए पहुंच रहे हैं।
झारखंड के गालूडीह थाना क्षेत्र के आमचुड़िया गांव का तालाब इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यहां के स्थानीय निवासी किरीटी भूषण महतो की पत्नी सुनीता महतो द्वारा सोने का कलश मिलने का दावा किया गया है, जिसके बाद से इस तालाब में पूजा-अर्चना करने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचने लगे हैं। इस रहस्यमय घटना ने गांव और आसपास के क्षेत्र में जनमानस की आस्था को नए सिरे से उभार दिया है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब सुनीता महतो को एक सपना आया। उन्होंने बताया कि उन्हें मां मनसा ने सपने में बताया कि गांव के तालाब में सोने का कलश छिपा हुआ है। इस सपने के कुछ दिन बाद सुनीता महतो तालाब में स्नान करने गईं। स्नान के दौरान जब उन्होंने पानी में डुबकी लगाई, तो उन्हें तालाब की गहराइयों में एक कलश मिला। सुनीता के अनुसार, यह कलश सोने का है और इसके अंदर पंचनाग (सांप की प्रतिमा) भी विराजमान है।
इस खबर के फैलते ही, आमचुड़िया गांव और आस-पास के इलाकों से श्रद्धालुओं की भीड़ तालाब पर उमड़ पड़ी है। लोग यहां आकर इस अद्भुत कलश को देखने और पूजा-अर्चना करने लगे हैं। जैसे-जैसे लोगों के बीच यह खबर फैली, वैसे-वैसे तालाब पर लोगों की संख्या बढ़ने लगी। श्रद्धालुओं का मानना है कि यह कलश किसी दिव्य शक्ति का प्रतीक है, और इस पर मां मनसा की कृपा है।
गुरुवार को इस तालाब पर विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आसपास के गांवों से हजारों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। स्थानीय लोग इस कलश को एक धार्मिक चमत्कार मान रहे हैं, और इसे गांव की समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक मानकर पूजा कर रहे हैं। लोग तालाब में स्नान करने के बाद इस कलश की परिक्रमा कर रहे हैं और मां मनसा की स्तुति कर रहे हैं।
गांव के बुजुर्गों का कहना है कि इस तालाब की पौराणिक मान्यता रही है, लेकिन सोने के कलश जैसी घटना पहले कभी नहीं सुनी गई थी। अब इस घटना के बाद तालाब और गांव की प्रसिद्धि चारों ओर फैल गई है। सुनीता महतो के पति किरीटी भूषण महतो का कहना है कि यह घटना उनके परिवार के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है, और वे इसे भगवान की कृपा मानते हैं।
हालांकि, इस बात में कितनी सच्चाई है कि कलश वास्तव में सोने का है या नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन स्थानीय लोगों के लिए यह घटना आस्था और विश्वास का विषय बन गई है। तालाब पर हर दिन सैकड़ों लोग आकर पूजा कर रहे हैं, और यह सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है।
गांव के लोग इस घटना से बहुत खुश हैं और इसे मां मनसा का आशीर्वाद मान रहे हैं। गांव की महिलाएं विशेषकर इस कलश की पूजा-अर्चना कर रही हैं और इसे गांव की सुख-समृद्धि के लिए शुभ संकेत मान रही हैं। गुरुवार को होने वाली विशेष पूजा के दौरान, स्थानीय पुजारी और धार्मिक विद्वान इस कलश की पूजा करेंगे और विशेष अनुष्ठान संपन्न करेंगे।
इस घटना ने गालूडीह और आसपास के क्षेत्रों में जनमानस की आस्था को एक नया रूप दे दिया है। लोग इस घटना को भगवान की इच्छा मानकर श्रद्धा से पूजा कर रहे हैं और तालाब पर आकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं।
अब देखना यह है कि यह घटना किस दिशा में आगे बढ़ती है, और क्या वास्तव में इस कलश के सोने का होने की पुष्टि हो पाती है या यह महज आस्था का एक प्रतीक बनकर रह जाता है। फिलहाल, यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है और श्रद्धालुओं का विश्वास दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
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