Ghatsila Christmas Celebration: संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में क्रिसमस पर बच्चों का शानदार प्रदर्शन
घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में क्रिसमस का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बच्चों ने नृत्य, नाटक और कविताओं से सभी का दिल जीता। जानिए इस भव्य आयोजन की पूरी कहानी।
घाटशिला के प्रतिष्ठित संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर में 20 दिसंबर 2024 को क्रिसमस का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रंगों से भी भरपूर था। स्कूल परिसर में उमड़ी उत्साह की लहर ने इस दिन को खास बना दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की प्रशासिका श्रीमती शोभा गनेरीवाल, प्रबंधक डॉ. प्रसेनजीत कर्मकार और प्रचार्या श्रीमती नीलकमल सिन्हा द्वारा किया गया। उन्होंने क्रिसमस के महत्व को समझाया और सभी को प्रेम, दया और करुणा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
बच्चों के प्रदर्शन ने मोहा मन
कक्षा तीसरी से पांचवी तक के छात्रों ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। इन बच्चों ने क्रिसमस गीत पर नृत्य और नाटक की प्रस्तुति दी, जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन आठवीं 'अ' की अनन्या मैती, सुविचार त्रियाशा सरकार और ग्यारहवीं 'ब' की समृद्धि सोनार ने किया।
विशेष आकर्षण प्राथमिक विंग के छात्रों द्वारा प्रस्तुत मनमोहक नृत्य और नाटक रहा। इसे श्रीमती रितु कर्मकार और सुजाता वर्मा के निर्देशन में तैयार किया गया था। बच्चों ने अपने प्रदर्शन से यीशु मसीह के संदेश - प्रेम, दया और करुणा को खूबसूरती से व्यक्त किया।
शिक्षकों का योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षकों का विशेष योगदान रहा। प्रचार्या श्रीमती नीलकमल सिन्हा ने यीशु मसीह के संदेशों को दोहराते हुए कहा, "प्रेम और दया ही सच्चे मानवता के प्रतीक हैं। हमें हर किसी की सहायता करने की भावना रखनी चाहिए।" उन्होंने आयोजन की सफलता का श्रेय प्राइमरी विंग प्रभारी श्रीमती सुजाता वर्मा, श्रीमती शाश्वती राय पटनायक, श्रीमती रितु कर्मकार, श्रीमती रशीदा खान, श्री सोमनाथ दे, श्री एस.एन. मुखर्जी और श्रीमती नीलिमा सरकार को दिया।
इतिहास में क्रिसमस का महत्व
क्रिसमस का इतिहास ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा है। माना जाता है कि 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था। यह पर्व प्रेम, करुणा और सेवा के सिद्धांतों पर आधारित है। घाटशिला के इस स्कूल ने क्रिसमस के इन मूल्यों को खूबसूरत अंदाज में प्रस्तुत किया।
समापन का पल
कार्यक्रम का समापन श्रीमती शाश्वती राय पटनायक के धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ। सभी ने इस आयोजन की सराहना की और बच्चों के प्रदर्शन को यादगार बताया।
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